ओबामा की लोगों से शांति बनाए रखने की अपील

अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिसौरी प्रांत में पुलिस की गोली से मारे गए एक काले युवक के बाद हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. अमरीकी के मिसौरी प्रांत में नौ अगस्त को पुलिस ने 18 साल के एक निहत्थे काले युवक माइकल ब्राउन को उस समय गोली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2014 1:05 PM

अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिसौरी प्रांत में पुलिस की गोली से मारे गए एक काले युवक के बाद हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

अमरीकी के मिसौरी प्रांत में नौ अगस्त को पुलिस ने 18 साल के एक निहत्थे काले युवक माइकल ब्राउन को उस समय गोली मार दी थी जब चश्मदीदों के अनुसार वो युवक पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाह रहा था.

अपने दफ़्तर एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ओबामा ने कहा कि वो लोगों के जज़बात और नाराज़गी को समझते हैं लेकिन ग़ुस्से में लूट-पाट करना और पुलिस पर हमले करने से तनाव और बढ़ता है.

ओबामा ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि अमरीका में ऐसे कई समुदाए हैं जिनमें और पुलिस अधिकारियों के बीच अविश्वास का माहौल है. उन्होंने उन वर्गों से आग्रह किया कि वो इस खाई को दूर करने की कोशिश करें.

छह गोलियां मारी गईं

ओबामा ने कहा कि एटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर मिसौरी जा रहे हैं और वो मामले की जांच कर रहे अधिकारियों से मुलाक़ात करेंगे.

इससे पहले माइकल ब्राउन के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने जानकारी दी है कि ब्राउन को छह गोलियाँ मारी गईं थीं जिनमें से दो गोलियाँ सिर में लगीं थीं.

माइकल ब्राउन के परिवार ने डॉक्टर माइकल बाडेन को उनका दूसरा, स्वतंत्र पोस्टमार्टम करने के लिए कहा था.

परिवार ने ब्राउन की हत्या करने वाले पुलिस अधिकारी की गिरफ़्तारी की मांग की है.

इस बीच मिसौरी के सेंट लुई इलाक़े में तनाव और आगज़नी जारी है.

नेशनल गार्ड तैनात

राज्य के गवर्नर ने इलाक़े में सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए नेशनल गार्ड को बुलाया गया है.

ब्राउन को गोली मारने वाले पुलिस अधिकारी डेरेन विलसन को निलंबित कर दिया गया है.

तनाव और आगज़नी के कारण दंगा विरोधी पुलिस को रबड़ की गोलियाँ चलानी पड़ीं और आँसू गैस छोड़नी पड़ी.

पोस्टमॉर्टम में डॉ. बाडेन के सहायक रहे फोरेंसिक पैथोलॉजिस्ट शॉन पारसल्स का कहना है कि ब्राउन के दाएं बांह का घाव दर्शाता है कि गोली लगने के वक़्त उनके हाथ ऊपर रहे होंगे.

ब्राउन का दूसरा पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर बाडेन का कहना है कि, "परिवार को जानने का हक़ है कि उनका प्रिय कैसे मरा. इससे परिजनों और समुदाय को शांति मिलेगी."

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