‘चोरी हुए बच्चों’ को खोजने में मिला अपना पोता

सैन्य सरकार द्वारा छीने गए बच्चों की खोज करने वाली अर्जेंटिना की एक सामाजिक कार्यकर्ता को उस समय अपार ख़ुशी हुई जब उनका ही बिछड़ा पोता उन्हें मिल गया. सामाजिक कार्यकर्ता एस्टेला डी कार्लोटो ने कहा कि यह उनके लिए और अर्जेंटिना के लिए एक ‘भरपाई’ जैसा है. फ़ौजी जुंटा सरकार ने 1970 के दशक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 18, 2014 11:45 AM

सैन्य सरकार द्वारा छीने गए बच्चों की खोज करने वाली अर्जेंटिना की एक सामाजिक कार्यकर्ता को उस समय अपार ख़ुशी हुई जब उनका ही बिछड़ा पोता उन्हें मिल गया.

सामाजिक कार्यकर्ता एस्टेला डी कार्लोटो ने कहा कि यह उनके लिए और अर्जेंटिना के लिए एक ‘भरपाई’ जैसा है.

फ़ौजी जुंटा सरकार ने 1970 के दशक में अपने विरोधियों के सैकड़ों बच्चों को छीन कर अपने समर्थकों को दे दिए थे.

कार्लोटो की बेटी उन 30,000 वामपंथी कार्यकर्ताओं में एक थीं जिन्हें 1975 से 1983 के बीच सैन् शासन में मार दिया गया था.

जेलों और यातना गृहों में पैदा हुए सैकड़ों बच्चों को उनके जैविक अभिभावकों से मिलाने के लिए ‘दि ग्रैंडमदर्स ऑफ़ दि प्लाज़ा डी मायो’ नामक संगठन बनाया गया.

संगठन के अनुसार, कार्लोटो के पोते समेत अबतक 114 बच्चों को खोजा जा चुका है.

कार्लोटो ने कहा कि वो इस बात से वाकिफ़ नहीं थीं कि अपहरण के समय उनकी बेटी लॉरा गर्भवती थीं.

लॉरा की मृत्यु के बाद जब इसका पता चला तो उन्होंने उस बच्चे के पिता का पता लगाया और डीएन नमूना सुरक्षित कराया.

जब उनका पोता ख़ुद ही डीएनए टेस्ट के लिए आगे आया तब जाकर इसकी पुष्टि हुई.

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