दावोस में ट्रंप ने इमरान को दिया कश्मीर पर मध्यस्थता का भरोसा, भारत ने किया खारिज

नयी दिल्ली/दावोस : भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नयी पेशकश के जवाब में सरकार के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की किसी भी भूमिका की कोई गुंजाइश नहीं है. भारत का लंबे समय से रुख रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2020 8:21 PM

नयी दिल्ली/दावोस : भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नयी पेशकश के जवाब में सरकार के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की किसी भी भूमिका की कोई गुंजाइश नहीं है.

भारत का लंबे समय से रुख रहा है कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है तथा किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई प्रश्न नहीं उठता. ट्रंप ने मंगलवार को दावोस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका कश्मीर के मुद्दे से जुड़े घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने इस विवाद को सुलझाने में मदद की पेशकश दोहरायी. पिछले पांच महीने में ट्रंप की ओर से कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए दोनों देशों की मदद की यह चौथी पेशकश है. सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत का स्पष्ट और सतत रुख रहा है कि कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति फरवरी में भारत का दौरा कर सकते हैं.

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सत्र से इतर मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ निजी बैठक से पहले ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि व्यापार और सीमा विवाद दोनों ही चर्चा के महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जबकि खान ने कहा कि उनके लिए, अफगानिस्तान सर्वोच्च प्राथमिकता है. ट्रंप ने खान को ‘मेरे दोस्त’ कहकर संबोधित किया और उनसे कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मौजूदा कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करेंगे. ट्रंप के आने वाले दिनों में भारत दौरे पर जाने की संभावना है. राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी. उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच जो चल रहा है, अगर हम मदद कर सकते हैं, तो हम निश्चित तौर पर करना चाहेंगे. हमने इस पर करीबी नजर बना रखी है और मेरे दोस्त के साथ यहां होना गर्व की बात है.

वहीं खान ने कहा, पाकिस्तान-भारत का विवाद हमारे लिए एक बड़ा मुद्दा है और हम अमेरिका से तनाव कम करने में अपनी भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं क्योंकि कोई और देश यह नहीं कर सकता. गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव कायम है. ट्रंप पहले भी मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं.

भारत ने जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा बताते हुए अमेरिका या संयुक्त राष्ट्र सहित किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की बात को लगातार सिरे से खारिज किया है. उसका कहना है कि यह पाकिस्तान और उसका द्विपक्षीय मामला है. वहीं पाकिस्तान लगातार तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की मांग करता रहा है. एक संवाददाता ने ट्रंप से पूछा कि क्या भारत दौरे के समय वह पाकिस्तान भी जाना चाहेंगे. इस पर ट्रंप ने कहा कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से दावोस में मिल रहे हैं. उन्होंने कहा, पाकिस्तान के साथ हम इतने करीब नहीं थे जितने हम अभी हैं. और यह बड़ा बयान है.

Next Article

Exit mobile version