क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक परीक्षा : इस बार 13 भाषाओं में परीक्षा देने का विकल्प

शौर्य पुंज बैंकों में नौकरी पाने के लिए अब प्रतियोगियों के कमर कसने की बारी आ गई है. इस वर्ष क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने आईबीपीएस के तहत सैकड़ों नौकरियां निकाली हैं. जहां प्रोबेशनरी ऑफिसर के लिए करीब 3381 नियुक्तियां हैं वहीं क्लर्क के लिए करीब 3688 नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. प्रतिभागियों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 23, 2019 12:47 PM

शौर्य पुंज

बैंकों में नौकरी पाने के लिए अब प्रतियोगियों के कमर कसने की बारी आ गई है. इस वर्ष क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने आईबीपीएस के तहत सैकड़ों नौकरियां निकाली हैं. जहां प्रोबेशनरी ऑफिसर के लिए करीब 3381 नियुक्तियां हैं वहीं क्लर्क के लिए करीब 3688 नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. प्रतिभागियों के लिए यह सुनहरा अवसर है, जिसमें उन्हें भारतीय बैंकिंग का हिस्सा बनने का मौका मिलने वाला है, बस जरुरत है जी तोड़ मेहनत करने की.

हिंदी और अंग्रेजी भाषा का चयन करने का मिलता है मौका

देखा जाए तो अन्य बैंकिंग परीक्षाओं की तुलना में ग्रामीण बैंक में नौकरी पाना कुछ हद तक आसान है. इस परीक्षा में अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं का विकल्प दिया जाता है. जिन परीक्षार्थियों का अंग्रेजी भाषा से भय लगता हो, वो आसानी से हिंदी भाषा की परीक्षा देकर परीक्षा में सफल होने के आसार को बढ़ा सकते हैं.

ग्रामीण परिवेश को समझने का मिलता है मौका

ग्रामीण बैंकों में नौकरी पाने के लिए छात्र इसलिए भी चाहते हैं क्योंकि इसमें इन्हें भारत के ग्रामीण परिवेश को समझने का मौका मिलता है. शहर की भाग-दौड़ से दूर ग्रामीण परिवेश में अपने मिट्टी की असल पहचान करने काफी लोग की चाहत होती है, जो शहर में रहकर पूरी नहीं हो सकती. इसके अलावा बैंकिंग की परिक्षा में परीक्षा होने के 6-7 महिनों के बाद ही नौकरी मिल जाते है, जिससे छात्रों को साल भर का भी इंतजार नहीं करना पड़ता है, इसलिए भी ग्रामीण बैंक की नौकरी लोगों में काफी खास स्थान बनाती है.

क्या कहते हैं बैंकिंग एक्सपर्ट

करीब दस सालों से छात्रों को गणित और रिजनिंग विषय पढ़ाकर बैंकिंग सेक्टर में छात्रों को सफलता दिलवाने वाले बैंकिंग एक्सपर्ट इरफ़ान जिया बताते हैं कि, बैंक कि नौकरी के लिए छात्रों में दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है. इरफान बताते हैं कि दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की अपेक्षा में बैंकिग की परीक्षा का परिणाम जल्दी आता है और सफल छात्रों की करीब एक साल के अंदर ही नौकरी भी लग जाती है. इरफान बताते हैं कि आने वाले महीने में ग्रामीण बैंक की परीक्षा का आयोजन होने वाला है. दूसरे परीक्षा की तुलना में ग्रामीण बैंक में प्रश्न कुछ हद तक आसान आते हैं. हर साल कट ऑफ अंकों में काफी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है. उनका मानना है कि छात्रों को आनो वाले ग्रामीण बैंक की परीक्षा में ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए, साथ ही साथ एक्यूरेसी का भी ध्यान रखना जरुरी है.

दो साल की कड़ी मेहनत करके पाया सफलता का मुकाम- आकाश

दो साल की कड़ी मेहनत के बाद आकाश ने पिछले दिनों ग्रामीण बैंक की परीक्षा में सफलता पाई. उन्होंने हाल ही में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक बतौर पीओ के पद पर अपना पदभार संभाला है. आकाश बताते हैं कि साल 2017 से उन्होंने बैंकिंग की परीक्षा की तैयारी शुरु की. 2017 में दिए गए परीक्षाओं में उन्होंने प्ररंभिक परीक्षा और मुख्या परीक्षा में शिरकत किया, पर अंतिम दौर में सफल नहीं हो पाए, पर साल 2018 में उनकी मेहनत रंग लाई और वो ग्रामीण बैंक की परीक्षा में सफल हुए. आकाश का कहना है कि मेहनत का दूसरा कोई विकल्प नहीं है. सफलता पाना है तो सोशल मीडिया, इंटरनेट से दूरी बनाना जरुरी है. इंटरनेट के जरीए पढ़ाई कि सामग्री इकट्ठा करना तक तो ठीक है पर दिन रात इंटरनेट और मोबाइल से चिपके रहने से सफलता पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

पथ प्रदर्शक की रहती है खास भूमिका- आदर्श प्रियदर्शी

2018 में बैंकिंग परीक्षा देकर सफल हुए बैंककर्मी आदर्श प्रियदर्शी का मानना है कि सफलता पाने के लिए पथ प्रदर्शक का होना आवश्यक है. वे अपनी सफलता के लिए अपने अभिभावक और शिक्षकों का काफी आभार मानते हैं, जिनकी सहायता से उन्होंने सफलता पाई. आदर्श ने हाल ही में अपना पदभार संभाला है. पिछले दो सालों से तैयारी कर रहे आदर्श ने बैंकिंग में सफलता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत की. उनका कहना है कि असफलता से निराश हो जाने के बाद उन्हें उम्मीद नहीं कि सफलता उनके कद चूमेगी. पर पिछले साल आयोजित हुए परीक्षा में उन्होंने सफलता के झंडे गाड़े.

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