वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान पर आईसीएसआईडी ने लगाया 5.97 अरब डॉलर का जुर्माना
इस्लामाबाद: वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक और झटका लगा है. एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने पाकिस्तान पर 5.976 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. पाकिस्तान पर यह जुर्माना 2011 में रेको डीक परियोजना के लिए एक कंपनी को गैर कानूनी रूप से खनन पट्टा देने से इनकार करने पर लगाया गया है. […]
इस्लामाबाद: वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक और झटका लगा है. एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने पाकिस्तान पर 5.976 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. पाकिस्तान पर यह जुर्माना 2011 में रेको डीक परियोजना के लिए एक कंपनी को गैर कानूनी रूप से खनन पट्टा देने से इनकार करने पर लगाया गया है.
ब्लूचिस्तान सरकार की ओर से पट्टे का अनुरोध खारिज होने के बाद टेथयान कॉपर कंपनी (टीसीसी) ने 2012 में विश्व बैंक के अंतरराष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केंद्र (आईसीएसआईडी) के समक्ष दावा किया था. यह कंपनी चिली की खनन कंपनी एंटोफगास्टा और कनाडा की बैरिक गोल्ड कॉरपोरेशन का संयुक्त उद्यम है. पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, मध्यस्थता अदालत ने पाकिस्तान पर 4.08 अरब डॉलर का जुर्माना और 1.87 अरब डॉलर का ब्याज लगाया है. कंपनी ने क्षतिपूर्ति के रूप में 11.43 अरब डॉलर का दावा किया था. पाकिस्तान सरकार और कंपनी के बीच यह मामला सात साल से चल रहा है.
रेको डीक, ब्लूचिस्तान में चागई जिले में एक छोटा सा कस्बा है. यह ईरान और अफगानिस्तान सीमा के करीब है. रेको डीक खदान अपने बड़े सोने और तांबा भंडार के लिए प्रसिद्ध है. इसमें दुनिया का पांचवां बड़ा सोने का भंडार होने का अनुमान है. टीसीसी ने 2010 में खनन के बारे में विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट तैयार की थी जिसे फरवरी 2011 में ब्लूचिस्तान सरकार को सौंप दिया गया. इसके साथ पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट भी सौंपी गयी. ब्लूचिस्तान सरकार के एक झटके में टीसीसी की स्थानीय परिचालन इकाई के आवेदन को खारिज कर दिये जाने के बाद नवंबर 2011 में परियोजना को रोक दिया गया. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को रेको डीक मामले में पाकिस्तान को होने वाले भारी नुकसान की जवाबदेही तय करने और उसकी जांच के लिये एक आयोग बनाने के आदेश जारी किये हैं.