वाराणसी से तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द

<p>वाराणसी के ज़िला निर्वाचन कार्यालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव का वाराणसी लोक सभा सीट से नामांकन ख़ारिज कर दिया है. </p><p>तेज बहादुर ने दो नामांकन पत्र भरे थे. एक 24 अप्रैल को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार और दूसरा 29 अप्रैल को सपा- बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 1, 2019 8:07 PM

<p>वाराणसी के ज़िला निर्वाचन कार्यालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव का वाराणसी लोक सभा सीट से नामांकन ख़ारिज कर दिया है. </p><p>तेज बहादुर ने दो नामांकन पत्र भरे थे. एक 24 अप्रैल को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार और दूसरा 29 अप्रैल को सपा- बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में. </p><p>इस पर तेजबहादुर यादव ने कहा है कि वो इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.</p><p>उन्होंने कहा है कि उनका नामांकन ग़लत तरीक़े से रद्द किया गया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, &quot;मुझसे कल 6.15 बजे तक सबूत सौंपने को कहा गया था. हमने सबूत सौंप दिया था. फिर भी मेरा नामांकन रद्द किया गया. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.&quot;</p><p><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi/videos">https://www.youtube.com/user/bbchindi/videos</a></p><p><a href="https://twitter.com/ANINewsUP/status/1123532389932830722">https://twitter.com/ANINewsUP/status/1123532389932830722</a></p><p>वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद हैं और इस बार भी वो यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं. मोदी ने 26 अप्रैल को यहाँ से अपना नामांकन भरा था.</p><p>इस सीट पर कांग्रेस के अजय राय और समाजवादी पार्टी की एक और उम्मीदवार शालिनी यादव ने भी अपने पर्चे भरे हैं.</p><p>मामले में नया मोड़ तब आया जब 30 अप्रैल को तेज बहादुर यादव को ज़िला निर्वाचन अधिकारी का पहला नोटिस मिला जिसमें उनसे कहा गया कि वो बीएसएफ़ से एक चिठ्ठी लेकर आएँ जिससे पता चले कि उन्हें क्यों बर्ख़ास्त किया गया था. </p><p>नोटिस में उन्हें ज़िला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष 1 मई 2109, यानी 90 सालों के बाद उपस्थित होने को कहा गया. </p><p>बाद में दूसरा नोटिस जारी किया गया जिसमें पहले नोटिस में बताई गई तारीख़ को ‘क्लेरिकल मिस्टेक’ बताया गया और उन्हें 1 मई, 2019 को सुबह 11 बजे तक सीमा सुरक्षा बल से चिठ्ठी लाकर देने को कहा गया.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48073277?xtor=AL-[73]-[partner]-[prabhatkhabar.com]-[link]-[hindi]-[bizdev]-[isapi]">तेज बहादुर यादव: बीएसएफ़ के बर्ख़ास्त जवान से मोदी के ख़िलाफ़ उम्मीदवारी तक </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48098148?xtor=AL-[73]-[partner]-[prabhatkhabar.com]-[link]-[hindi]-[bizdev]-[isapi]">मैं मोदी के सामने पुलवामा पर सवाल करूंगाः तेज बहादुर यादव</a></li> </ul><h3>बर्ख़ास्त कर्मचारी के लड़ने पर क्या है नियम</h3><p>ज़िला निर्वाचन अधिकारी और वाराणसी के रिटर्निंग अफसर सुरेंद्र सिंह द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि जब तेज बहादुर यादव ने बतौर निर्दलीय अपना नामांकन भरा था तो पर्चे दिए गए प्रावधान – &quot;क्या आपको सरकारी सेवा से भ्रष्टाचार या देशद्रोह के आरोप में कभी बर्ख़ास्त किया गया है ?&quot; इस सवाल के जवाब में तेज बहादुर ने पहले नामांकन पत्र में ‘हाँ’ लिखा था.</p><p>ज़िला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार तेज बहादुर ने जब 29 अप्रैल को दूसरा नामांकन भा तो उसके साथ उन्होंने एक शपथ पत्र दायर किया. इस हलफ़नामे में उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल को जो नामांकन पत्र दाखिल किया था उसमे ‘हाँ’ ग़लती से लिख दिया था.</p><p>चुनाव आयोग के एक अधिकारी का कहना है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान है कि हर वो केंद्र या राज्य सरकार का कर्मचारी जिसकी सेवा किसी भी आरोप में बर्खास्त की गयी हो, वो पांच सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता है.</p><p>वाराणसी लोक सभा की सीट से कुल 101 नामांकन दाख़िल किए गए हैं जिनमे से 71 नामांकन पत्रों को ख़ारिज कर दिया गया है.</p><p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बीते शुक्रवार को वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल कर रहे थे तो उनके सामने एक ही कड़ी चुनौती, सपा-बसपा गठबंधन की उम्मीदवार शालिनी यादव थीं.</p><p>बीएसएफ़ से बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव तब तक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मोदी को चुनौती देने मैदान में उतरे थे. </p><p>लेकिन सोमवार को समाजवादी पार्टी ने अचानक अपना उम्मीदवार बदल कर तेज बहादुर यादव को गठबंधन का उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी.</p><p><a href="https://www.youtube.com/watch?v=UZwgPyK8D74">https://www.youtube.com/watch?v=UZwgPyK8D74</a></p><p>सपा बसपा गठबंधन में ये सीट सपा के हिस्से आई थी, लेकिन सपा के इस निर्णय से अभी तक एकतरफ़ा समझे जा रहे चुनावी बिसात में अचानक लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई. </p><p>घोषणा के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सपा को इस फैसले के लिए बधाई दी थी. 2014 में वो खुद बनारस से मोदी को चुनौती देने उतरे थे, पर हार का सामना करना पड़ा था.</p><p>तेज बहादुर यादव ने वाराणसी में अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था जहाँ बाँटे गए पोस्टरों में लिखा था कि देश के असली चौकीदार वो हैं.</p><h3>वायरल वीडियो से हुआ नाम </h3><p>दो साल पहले बीएसएफ़ जवान तेज बहादुर यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. </p><p>इस वीडियो में तेज बहादुर फ़ौजियों को मिलने वाले खाने की शिकायत कर रहे थे. वो बता रहे थे कि उन्हें कैसी गुणवत्ता का खाना दिया जाता है. </p><p>तेज बहादुर ने बताया था कि अफसरों से शिकायत करने पर भी कोई सुनने वाला नहीं है यहां तक कि गृहमंत्रालय को भी चिट्ठी लिखी लेकिन कुछ नहीं हुआ.</p><p>तेज बहादुर के उस वीडियो के बाद बीएसएफ़ समेत राजनीतिक गलियारों में कुछ दिन तक हलचल मच गई थी. बीएसएफ़ ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे और बाद में तेज बहादुर को बीएसएफ़ से निकाल दिया गया था.</p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/social-38555079?xtor=AL-[73]-[partner]-[prabhatkhabar.com]-[link]-[hindi]-[bizdev]-[isapi]">जवानों को जले परांठे, गृह मंत्री ने मांगी रिपोर्ट</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-38569347?xtor=AL-[73]-[partner]-[prabhatkhabar.com]-[link]-[hindi]-[bizdev]-[isapi]">भारतीय जवान के वीडियो की पाकिस्तान में ख़िल्ली!</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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