वैज्ञानिकों ने हिन्द महासागर से गायब हो रहे प्लास्टिक अवशेषों का पता लगाया

मेलबर्न : हिन्द महासागर एक ऐसी जगह है, जहां दुनिया का सबसे अधिक प्लास्टिक अवशेष पाया जाता है. लेकिन यहां से कूड़ा आखिर कहां जाता है? यह एक रहस्य बना रहा है. ‘वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया’ विश्वविद्यालय (यूडब्ल्यूए) के शोधकर्ताओं ने हिन्द महासागर में प्लास्टिक अवशेष को मापने और उसे ट्रैक करने (की वह कहां जाता है) […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 25, 2019 2:00 PM

मेलबर्न : हिन्द महासागर एक ऐसी जगह है, जहां दुनिया का सबसे अधिक प्लास्टिक अवशेष पाया जाता है. लेकिन यहां से कूड़ा आखिर कहां जाता है? यह एक रहस्य बना रहा है. ‘वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया’ विश्वविद्यालय (यूडब्ल्यूए) के शोधकर्ताओं ने हिन्द महासागर में प्लास्टिक अवशेष को मापने और उसे ट्रैक करने (की वह कहां जाता है) के लिए एक संक्षिप्त अध्ययन किया.

इस अध्ययन में दल ने पाया कि दक्षिणी हिंद महासागर से प्लास्टिक समुद्र के पश्चिमी हिस्से की ओर जा रहा है, जहां से यह दक्षिण अफ्रीका से दक्षिण अटलांटिक महासागर में बह जाता है. यूडब्ल्यूए की पीएचडी की छात्रा मिरिजाम वैन डेर महीन ने कहा, ‘एशियाई मॉनसून प्रणाली की वजह से दक्षिणी हिन्द महासागर में दक्षिण-पूर्व हवाएं प्रशांत और अटलांटिक महासागर की हवाओं की तुलना में अधिक तेज चलती हैं.’

उन्होंने कहा, ‘ये तेज हवाएं प्लास्टिक अवशेषों को पश्चिम हिंद महासागर में पश्चिम की ओर धकेलती हैं…’ यूडब्ल्यए की चारी पैट्टीराची ने कहा, ‘दूर-दराज प्लास्टिक का पता लगाने के लिए अभी तक कोई तकनीक विकसित नहीं हुई है. हमें हिन्द महासागर में प्लास्टिक का पता लगाने के लिए परोक्ष तरीकों का इस्तेमाल करना होगा.’ पैट्टीराची ने कहा कि हर वर्ष अनुमानत: 1.5 करोड़ टन प्लास्टिक अवशेष तट एवं नदियों के माध्यम से समुद्र में आता है. उन्होंने कहा, ‘इसके वर्ष 2025 में दोगुना होने की आशंका है.’ यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ जियोलॉजिकल रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ था.

Next Article

Exit mobile version