अब छह महीने नहीं कराना होगा टीबी का उपचार

वाशिंगटन : क्षय रोग (टीबी) के उपचार के लिए एक ऐसी दवा विकसित की जा रही है, जो इस बीमारी के इलाज की लंबी अवधि को कम करने में मददगार साबित हो सकती है. ‘एंटीमाइक्रोबियल एजेंट्स एंड कीमोथैरेपी’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि टीबी की नयी प्रयोगात्मक एंटीबॉयोटिक दवा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2019 2:25 PM

वाशिंगटन : क्षय रोग (टीबी) के उपचार के लिए एक ऐसी दवा विकसित की जा रही है, जो इस बीमारी के इलाज की लंबी अवधि को कम करने में मददगार साबित हो सकती है.

‘एंटीमाइक्रोबियल एजेंट्स एंड कीमोथैरेपी’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि टीबी की नयी प्रयोगात्मक एंटीबॉयोटिक दवा उन कोशिकाओं में रहती है, जहां माइकोबैक्टीरियम टीबी जीवाणु लंबे समय तक रहते हैं और यह दवा इन जीवाणुओं को अधिक प्रभावशाली तरीके से समाप्त करती है.

अमेरिका के कोलोराडो स्टेट विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर ग्रेगरी टी रॉबर्ट्सन ने कहा, ‘टीबी की दवा विकसित करने के कार्यक्रमों का मकसद एक ऐसी उपचार पद्धति विकसित करना है, जो टीबी के उपचार की अवधि को कम करे और इसे सरल बनाये. अभी टीबी के उपचार में कम से कम छह महीने का समय लगता है और कई बार तो इसमें एक साल से अधिक समय भी लग जाता है.’

इस नयी दवा का नाम एएन12855 है. रॉबर्ट्सन ने कहा, ‘एएन12855 की मौजूदा दवा आइसोनियाजिड की तुलना में अधिक प्रभावशाली साबित हुई है.’

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