श्रीलंका में बौद्ध-मुस्लिम झड़पों के बाद कर्फ्यू

श्रीलंका में एक कट्टरपंथी बौद्ध गुट और मुसलमानों के बीच झड़पों को रोकने के लिए प्रशासन ने दो दक्षिणी शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. अलुथ्गामा शहर में एक बौद्ध रैली के बाद हिंसा शुरु हुई. कई लोगों के घायल होने, रैली में शामिल लोगों पर पथराव करने, दुकानें जलाने की ख़बर है. बाद में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2014 11:34 AM
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श्रीलंका में बौद्ध-मुस्लिम झड़पों के बाद कर्फ्यू 3

श्रीलंका में एक कट्टरपंथी बौद्ध गुट और मुसलमानों के बीच झड़पों को रोकने के लिए प्रशासन ने दो दक्षिणी शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है.

अलुथ्गामा शहर में एक बौद्ध रैली के बाद हिंसा शुरु हुई. कई लोगों के घायल होने, रैली में शामिल लोगों पर पथराव करने, दुकानें जलाने की ख़बर है.

बाद में बेरुवाला शहर में भी कर्फ्यू लगाया गया. ये मुख्यत: मुस्लिम शहर है.

बौद्ध बहुल श्रीलंका की आबादी में लगभग 10 फ़ीसदी मुसलमान हैं.

हाल के दिनों में नस्लीय हमलों के बाद मुस्लिम नेताओं ने राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से ये अपील की कि उन्हें हिंसा से सुरक्षा दी जाए. दूसरी ओर बौद्ध समुदाय का आरोप है कि अल्पसंख्यकों का सरकार पर ज़रूरत से ज़्यादा प्रभाव है.

झड़पें

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ मुस्लिमों को स्थानीय बसों से बाहर खींच कर मारा गया. इसके अलावा लूटपाट की भी ख़बरें हैं.

कहा जा रहा है कि बोडू बाला सेना, बीबीएस या बौद्ध ब्रिगेड की रैली के बाद झड़पें शुरु हुईं.

तीन दिन पहले एक बौद्ध भिक्षु के ड्राइवर और मुस्लिम युवाओं के बीच थोड़ी सी झड़प हो गई थी.

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ख़बरों के मुताबिक़ रैली आयोजित करने के बाद बीबीएस ने मुस्लिम इलाकों में घुस कर मुस्लिम-विरोधी नारे लगाए और पुलिस को हिंसा को दबाने के लिए आंसू गैस इस्तेमाल करनी पड़ी. अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक़ सुरक्षाबलों ने गोलीबारी भी की.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मुसलमानों के घरों और एक मस्जिद पर पथराव किया गया.

अलुथ्गामा में मौजूद एक बीबीसी संवाददाता का कहना है कि हालात साफ़ नहीं हैं और कई और इलाकों में हिंसा फैल गई है.

ऐसा लग रहा है कि श्रीलंकाई मीडिया ने हिंसा की ख़बर नहीं छापने का फ़ैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक मीडिया को इसके लिए ”ऊपर से आदेश" मिले हैं.

राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

राष्ट्रपति ने ट्विटर पर कहा, "सरकार किसी को भी क़ानून को अपने हाथ में नहीं लेने देगी. मैं सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करता हूं."

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