सलमान ख़ान ”लवरात्रि” को ”लवयात्री” करने पर क्यों मजबूर हुए

सलमान ख़ान अपने जीजा आयुष शर्मा को ‘लवरात्रि’ फ़िल्म के ज़रिए लॉन्च कर रहे हैं. लेकिन बॉलीवुड में परिवारवाद और फ़िल्म के ज़रिए जीजा को लॉन्च करने वाली ये ख़बर तो पुरानी हो गई है, बल्कि इस फ़िल्म से जुड़ी जो ताज़ा ख़बर आई है उसे ख़ुद सलमान ख़ान ने ट्वीट कर बताया है. सलमान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2018 3:10 PM

सलमान ख़ान अपने जीजा आयुष शर्मा को ‘लवरात्रि’ फ़िल्म के ज़रिए लॉन्च कर रहे हैं. लेकिन बॉलीवुड में परिवारवाद और फ़िल्म के ज़रिए जीजा को लॉन्च करने वाली ये ख़बर तो पुरानी हो गई है, बल्कि इस फ़िल्म से जुड़ी जो ताज़ा ख़बर आई है उसे ख़ुद सलमान ख़ान ने ट्वीट कर बताया है.

सलमान ख़ान ने मंगलवार को ट्वीट करके बताया कि आयुष शर्मा की फ़िल्म ‘लवरात्रि’ का नाम बदलकर ‘लवयात्री’ कर दिया गया है. सलमान ने इस बात पर चुटकी लेते हुए लिखा है कि ‘ये स्पेलिंग मिस्टेक नहीं है…’

https://twitter.com/BeingSalmanKhan/status/1042077031343763456

विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के नए संगठन ‘हिन्दू है आगे’ के आगरा यूनिट के प्रमुख गोविंग पराशर ने 31 मई को सलमान ख़ान को पीटने वाले को दो लाख रुपए के इनाम देने की घोषणा की थी.

पराशर ने आरोप लगाया था कि सलमान ख़ान ने अपनी फ़िल्म का नाम ‘लवरात्रि’ रखकर हिंदू भावनाओं को आहत किया है. पराशर ने कहा कि इस फ़िल्म के रिलीज़ का समय जानबूझकर हिंदू त्योहार नवरात्रि को चुना गया है.

ऐसा पहली बार नहीं है जब फ़िल्म के नाम पर आपत्ति के कारण उसका नाम बदला गया हो. बॉलीवुड को कई मौक़ों पर फ़िल्मों के नामों से ख़ौफ़ खाना पड़ा और नाम बदलने पड़े:

पद्मावती बनी पद्मावत

फ़िल्म ‘पद्मावत’ को लेकर काफ़ी विवाद हुआ. यह फ़िल्म पद्मावती नाम की एक साहित्यिक किरदार पर बनी है, लेकिन मिथकों में पद्मावती को वीर राजपूत रानी के तौर पर देखा जाता है. राजपूतों के संगठन होने का दावा करने वाली करणी सेना इस फ़िल्म का विरोध कर रही थी और फ़िल्मकार संजय लीला भंसाली को झुकना पड़ा.

जाफ़ना बनी मद्रास कैफ़े

2013 में आई जॉन अब्राहम की फ़िल्म ‘मद्रास कैफ़े’ का नाम पहले ‘जाफ़ना’ था. तमिलों के एक धड़े को इस फ़िल्म पर आपत्ति थी.

इस धड़े का आरोप था कि फ़िल्म में एलटीटीई को आतंकी संगठन के तौर पर दर्शाया गया है. जाफ़ना श्रीलंका का वो शहर है जहां श्रीलंका की सेना और एलटीटीई के बीच हुए गृह युद्ध के बाद तमिल समुदाय को विस्थापित किया गया था.

बिल्लु बार्बर बनी बिल्लु

2009 में आई शाहरुख ख़ान, लारा दत्ता और इरफ़ान ख़ान की फ़िल्म ‘बिल्लु बार्बर’ का नाम ‘बिल्लु’ करना पड़ा था, क्योंकि सैलून और ब्यूटी पार्लर असोसिएशन ने ‘बार्बर’ शब्द को हेयर ड्रेसर्स के लिए इस्तेमाल किए जाने पर विरोध किया था.

इस शब्द को उनके लिए अपमानजनक बताया था.

रामलीला बनी गोलियों की रासलीला…रामलीला

2013 में आई रणवीर सिंह की फ़िल्म को दिल्ली के डिस्ट्रिक कोर्ट ने बैन करने को कहा था. श्री राम सेना इसके नाम और फ़िल्म के चित्रण पर विरोध जता रही थी.

अमन की आशा बनी टोटल सियापा

2014 में आई यामी गौतम और अली ज़ाफ़र की फ़िल्म ‘टोटल सियापा’ का नाम ‘अमन की आशा’ था, लेकिन एक पाकिस्तानी और एक भारतीय मीडिया ग्रुप ने इस नाम पर विरोध जताया था.

‘अमन की आशा’ के नाम से दोनों देशों के मीडिया ग्रुप ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति अभियान शुरू किया था.

सिर्फ़ बॉलीवुड की नहीं बल्कि हॉलीवुड की फ़िल्मों के नामों को भी कई चश्मों से होकर गुज़रना पड़ा है:

मोआना

2016 में डिज़्नी की कार्टून फ़िल्म ‘मोआना’ जहां दुनियाभर में इसी नाम से रिलीज़ हुई थी वहीं इटली में इसका नाम ‘वियाना’ करना पड़ा था क्योंकि इटली में ‘मोआना’ नाम से एक बेहद प्रसिद्ध पॉर्न स्टार हैं.

ऑस्टिन पावर्स: द स्पाय हू शैग्ड मी बनी ऑस्टिन पावर्स: द इंटरनेशल मैन ऑफ़ मिस्ट्री

1999 में जे रोच निर्देशित फ़िल्म ‘ऑस्टिन पावर्स: द स्पाय हू शैग्ड मी’ का नाम बदल कर ‘ऑस्टिन पावर्स: द इंटरनेशल मैन ऑफ़ मिस्ट्री’ कर दिया था.

यूनाइटेड किंगडम में ‘शैग्ड मी’ का अर्थ ग़लत संदर्भ में लिया जाता है जिसकी वजह से इसकी जगह ‘द इंटरनेशल मैन ऑफ़ मिस्ट्री’ इस्तेमाल किया गया.

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