विरोधियों को भी महत्व देनेवाले नेता थे वाजपेयी जी : डॉ कृष्ण बिहारी मिश्र

कोलकाता : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की पहचान पूरे देश में अलग नेता के रूप में थी. वह विरोधियों को भी महत्व देने वाले नेता थे. लोकतंत्र में उनकी आस्था का ही यह परिणाम था कि विराेधी पार्टियों में भी उनकी समान लोकप्रियता थी. लोकसभा में आतंकी हमला, पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध से लेकर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2018 5:11 AM
कोलकाता : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की पहचान पूरे देश में अलग नेता के रूप में थी. वह विरोधियों को भी महत्व देने वाले नेता थे. लोकतंत्र में उनकी आस्था का ही यह परिणाम था कि विराेधी पार्टियों में भी उनकी समान लोकप्रियता थी. लोकसभा में आतंकी हमला, पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध से लेकर पोखरण में परमाणु परीक्षण उनके कार्यकाल में ही हुआ था.
उन्होंने मुशर्रफ को सबक तो सिखाया ही, साथ ही पाकिस्तान के साथ मैत्री के लिए सड़क मार्ग का उदघाटन किया. सभी राजनीतिक पार्टियों में उनकी समान लोकप्रियता थी. वह हिंदी के पक्षधर थे. हिंदी में यूएनओ में भाषण देने वाले सबसे पहले नेता श्री बाजपेयी को इतिहास कभी नहीं भूल सकता.
यह महज संयोग की बात है कि हमारे आराध्य रामकृष्ण परमहंस का भी तिरोधान आज के ही दिन हुआ था. उनका निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है. ये बातें पद्मश्री से सम्मानित देश के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ कृष्ण बिहारी मिश्र ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहीं.

Next Article

Exit mobile version