सापुतारा हिल स्टेशन में मॉनसून फेस्टिवल

मॉनसून का मजा सब लेना चाहते हैं, लेकिन बालकनी में बैठकर सिर्फ उसे देखकर ही. बारिश में भीगने को जब बच्चे सा दिल तड़प उठता है, तो बूढ़े सा दिमाग फोन भीगने का सायरन बजा बच्चे से दिल को डांटकर चुप करा देता है. जैसे-जैसे हम कंक्रीट के जंगल बसाते गये हैं, प्रकृति से दूर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 12, 2018 5:18 AM

मॉनसून का मजा सब लेना चाहते हैं, लेकिन बालकनी में बैठकर सिर्फ उसे देखकर ही. बारिश में भीगने को जब बच्चे सा दिल तड़प उठता है, तो बूढ़े सा दिमाग फोन भीगने का सायरन बजा बच्चे से दिल को डांटकर चुप करा देता है. जैसे-जैसे हम कंक्रीट के जंगल बसाते गये हैं, प्रकृति से दूर होते गये हैं. जबकि जिंदगी का असली मजा तो प्रकृति के नजदीक रहने में हैं. इस बात को हमारा ट्राइबल समाज बखूबी जानता है. उसे कुदरत जो चीज जिस रूप में देती है, वह उसी रूप में स्वीकार करता है और उसका उत्सव मनाता है.

गर्मी से तंग आकर हम तापमान बढ़ने की बात करते हैं, लेकिन मॉनसून को ढंग से एंजाॅय नहीं करते. जबकि हमारी लोक संस्कृति में तो मॉनसून को बुलाने से लेकर फुहारों तक से जुड़े उत्सव हैं, संगीत हैं, रिवाज हैं. ऐसी ही संस्कृति और प्रकृति की अनुपम छटा दिखाने के लिए जगह-जगह मॉनसून फेस्टिवल आयोजित किये जाते हैं. आइए, ऐसे ही एक खूबसूरत मॉनसून फेस्टिवल का आनंद लेते हैं.
वैसे तो बारिश में हर स्थान धुलकर निखर जाता है, लेकिन मॉनसून की खूबसूरती सबसे ज्यादा वेस्टर्न घाट में देखने को मिलती है. गुजरात से केरल तक फैले ये वेस्टर्न घाट पूरी दुनिया में अपनी जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं. गुजरात का एक मात्र हिल स्टेशन सापुतारा है, जो डांग जिले में पड़ता है. यहां 4 अगस्त से 3 सितंबर तक पूरे हर्षोल्लास के साथ माॅनसून फेस्टिवल मनाया जा रहा है. जहां कुदरत के नजारों के साथ, गीत-संगीत, लोक संस्कृति और एडवेंचर एक्टिविटी का पूरा बंदोबस्त गुजरात टूरिज्म द्वारा किया गया है.
हरे-भरे पहाड़ी घुमावदार रास्तों से होते हुए सापुतारा तक पहुंचना अपने आप में एक सुंदर अनुभव है. सापुतारा सहयाद्री पर्वतमाला के बीच बसा एक शांत और मनोरम हिल स्टेशन है. मॉनसून में जहां बादल आंख मिचोली खेलते हैं, वहीं इन खूबसूरत पहाड़ों पर जगह-जगह बरसाती झरने फूट पड़ते हैं. लगता है पूरा वातावरण माॅनसून के स्वागत में उत्सव मना रहा हो.
सापुतारा लेक में आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं. सनसेट पॉइंट भी मौजूद है, जहां सब लोग शाम को जमा होकर सनसेट देखते हैं. इस जगह से पहाड़ों का नजारा बहुत शानदार दिखता है.
सापुतारा हिल स्टेशन की खूबसूरती देखने का सबसे अच्छा साधन रोपवे है. इस जॉय राइड के द्वारा आप पूरी घाटी की सुंदरता एरियल व्यू में देख सकते हैं. इसका टिकट भी महंगा नहीं है. यहां एक टेबल पॉइंट भी है, जिसे सापुतारा अडवेंचर पार्क के नाम से भी जाना जाता है. यहीं पर रोपवे का स्टार्टिंग पॉइंट है. यहां का मौसम बरसातों में बहुत खुशनुमा हो जाता है. यहां एक नागेश्वर महादेव मंदिर भी है. हरे-भरे पहाड़ों के बीच यह शांत मदिर सैलानियों को आकर्षित करता है.
सापुतारा हिल स्टेशन एडवेंचर प्रेमियों के लिए बहुत कुछ समेटे हुए है. आप यहां रॉक क्लेमिंग, जिप लाइनर और ट्रेकिंग का मजा ले सकते हैं. सापुतारा में एक और महत्वपूर्ण स्थान है- ट्राइबल म्यूजियम. इस क्षेत्र में फैले लोक जीवन की झांकी देखने के लिए आप एक बार इस संग्रहालय को जरूर देखने जाएं. सापुतारा के आस पास रहनेवाले लोगों में 90 प्रतिशत लोग आदिवासी समाज के हैं. इस समाज का अपना एक समृद्ध अतीत रहा है, जिसे यहां उनके द्वारा उपयोग में लायी जानेवाली वस्तुओं के मध्यम से दर्शाया गया है.
सापुतारा से 50 किलोमीटर की दूरी पर अंबिका नदी पर बना गिरा वॉटरफॉल मॉनसून में अपने पूरे वेग से बह रहा होता है. इसकी ऊंचाई लगभग 30 फीट मानी जाती है. लोग इस नायनाभिराम झरने को देखने दूर दूर से आते हैं. सापुतारा के लिए आप हवाई जहाज, रेल या बस से बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं. नजदीकी शहर वाघाई है, जो सापुतारा से 51 किलोमीटर दूर है. अहमदाबाद, वड़ोदरा या सूरत से बस से भी आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है.
गुजरात का एक मात्र हिल स्टेशन सापुतारा है, जो डांग जिले में पड़ता है. यहां 4 अगस्त से 3 सितंबर तक माॅनसून फेस्टिवल मनाया जा रहा है. जहां कुदरत के नजारों के साथ, गीत-संगीत, लोक संस्कृति और एडवेंचर एक्टिविटी का पूरा बंदोबस्त गुजरात टूरिज्म द्वारा किया गया है.

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