काम के साथ छुट्टी को भी महत्व दें

।। दक्षा वैदकर।। सौरभ 28 साल का युवक है. बहुत मन लगा कर काम करता है. वह काम में इतना खो जाता है कि खुद पर भी ध्यान नहीं दे पाता. दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठे रहने की वजह से उसकी आंखों में दर्द रहने लगा है. सभी दोस्त कहते हैं कि शायद तुम्हारे चश्मे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 22, 2014 6:10 AM

।। दक्षा वैदकर।।

सौरभ 28 साल का युवक है. बहुत मन लगा कर काम करता है. वह काम में इतना खो जाता है कि खुद पर भी ध्यान नहीं दे पाता. दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठे रहने की वजह से उसकी आंखों में दर्द रहने लगा है. सभी दोस्त कहते हैं कि शायद तुम्हारे चश्मे का नंबर बढ़ गया है, इसे डॉक्टर से चेक करा लो. लेकिन सौरभ डॉक्टर के पास जाने की बात हर बार टाल देता है.

इन दिनों बाहर गरमी है और ऑफिस में एसी चलता है. ठंडे और गरम दोनों ही वातावरण में बार-बार आने-जाने की वजह से उसकी तबीयत भी खराब हो गयी है. उसे हल्का बुखार रहने लगा और सरदी के साथ खांसी भी शुरू हो गयी. वह फिर भी काम कर ही रहा था. सौरभ सभी से कहता कि ऐसा मौसम की वजह से है. मैं अपने आप ठीक हो जाऊंगा.

एक दिन दोपहर अचानक वह चक्कर खा कर गिर पड़ा और उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, तो डॉक्टर ने उसकी हालत देख कर उसे खूब डांट लगायी. उसे समझाया कि तुम अपनी सेहत का भी ख्याल रखा करो.

डॉक्टर ने उसे समझाते हुए कहा कि तुम अपनी गाड़ी तो हर महीने सर्विसिंग के लिए ले जाते हो. गाड़ी का कांच अगर घिस जाये, तो तुरंत बदलते हो ताकि हर चीज साफ-साफ नजर आये. गाड़ी का ब्रेक कमजोर हो जाये, तो ठीक करवाते हो कि कहीं ठोकर न लग जाये. गाड़ी में हवा थोड़ी-सी भी कम हो, तो तुरंत भरवा लेते हो, ताकि पंक्चर न हो जाये. जब इतना सब गाड़ी के लिए करते हो, तो फिर अपने लिए क्यों नहीं? इनसान का शरीर भी एक गाड़ी ही तो है. इसका भी ऑइल चेंज करना जरूरी है. गाड़ी ज्यादा गरम हो जाये, उससे ज्यादा दूरी तय की जाये, तो उसे भी आराम देना जरूरी है. बेहतर है कि इसकी सर्विसिंग पर भी बराबर ध्यान दो. गाड़ी को ज्यादा सालों तक बेहतरीन तरीके से चलाना है, तो अभी से इसके मैंटेनेंस पर लग जाओ. वरना बुढ़ापे में इसका हर पुर्जा अलग-अलग हो जायेगा. असली गाड़ी के तो पुरजे भी बदले जा सकते हैं, इस शरीर रूपी गाड़ी का तो वह भी नहीं बदलेगा. डॉक्टर के समझाने के इस अनोखे तरीके का असर सौरभ पर पड़ा.

बात पते की..

आपका दिल भले ही ज्यादा काम करने की इच्छा करता हो, लेकिन आपका शरीर इसका साथ हमेशा नहीं दे सकता. इसे आराम देना बहुत जरूरी है.

लगातार छह दिन काम करने के बाद सातवें दिन छुट्टी जरूर मनाएं. इस तरह आपका शरीर रिलेक्स कर सकेगा और ऊर्जा से पुन: भर जायेगा.

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