शरीफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तीन विधानसभाओं में प्रस्ताव

लाहौर : पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ वहां की तीन प्रांतीय विधानसभाओं में एक प्रस्ताव लाया गया है. इस प्रस्ताव में 2008 के मुंबई आतंकी हमले पर उनकी विवादित टिप्पणी को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गयी है. ऐसे एक प्रस्ताव में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 15, 2018 6:02 PM

लाहौर : पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ वहां की तीन प्रांतीय विधानसभाओं में एक प्रस्ताव लाया गया है. इस प्रस्ताव में 2008 के मुंबई आतंकी हमले पर उनकी विवादित टिप्पणी को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गयी है.

ऐसे एक प्रस्ताव में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ‘गद्दार नवाज शरीफ को फांसी’ देने की मांग की. इसके अलावा लाहौर उच्च न्यायालय में भी दो याचिकाएं दायर की गयी है जिनमें देशद्रोह के आरोपों में शरीफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है. इसी तरह लाहौर पुलिस थाने में भी दो याचिकाएं दायर की गयी है जिनमें संविधान की धारा 6 के तहत शरीफ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गयी है. पनामा पेपर्स घोटाले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले साल दोषी ठहराये जाने के बाद तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ को पिछले साल जुलाई में पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

शरीफ ने हाल ही में पाकिस्तान सरकार की उस नीति पर सवाल उठाये थे जो राज्य से इतर तत्वों को सीमा पार कर मुंबई में लोगों की ‘हत्या’ की इजाजत देती है और सार्वजनिक रूप से वहां आतंकी समूहों के सक्रिय होने की बात स्वीकारी. उनके बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया. पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक और सैन्य निकाय-द नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने उनके भ्रामक बयान की निंदा की है. लाहौर उच्च न्यायालय में दायर याचिका में पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के महासचिव खुर्रम नवाज गेंदापुर और अधिवक्ता आफताब विर्क ने आरोप लगाया कि शरीफ ने देश की छवि बिगाड़ी है. पंजाब विधानसभा में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा लाये गये प्रस्ताव में शरीफ को भारत के पक्ष में बयान देने के लिए फांसी दिये जाने की मांग की गयी.

सिंध विधानसभा में भी शरीफ की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी के लिए उनकी निंदा करते हुए एक सुर में प्रस्ताव पारित किया गया और उनसे माफी की मांग की गयी. खैबर-पख्तूनवा प्रांत की विधानसभा में भी शरीफ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर उनकी निंदा की गयी. इसमें कहा गया कि उन्होंने न सिर्फ देशवासियों की भावना आहत की बल्कि शपथ के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया.

Next Article

Exit mobile version