अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, भारत जैसे देश के साथ काम करना अच्छी बात

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि भारत, रूस और चीन जैसे देशों के साथ काम करना अच्छी बात है ना कि बुरी. वह रूस के साथ संबंध सुधारने की अपनी इच्छा को लेकर हो रही आलोचना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने नॉर्वे के प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 11, 2018 8:57 AM

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि भारत, रूस और चीन जैसे देशों के साथ काम करना अच्छी बात है ना कि बुरी. वह रूस के साथ संबंध सुधारने की अपनी इच्छा को लेकर हो रही आलोचना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने नॉर्वे के प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग के साथ व्हाइट हाउस में संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन के संबोधित करते हुए कहा, रूस या चीन या भारत या किसी भी अन्य देशों के साथ काम करना बहुत अच्छी बात है. यह बुरी बात नहीं है.

ट्रंप ने कहा कि उनकी नजर सेना को मजबूत बनाने, बड़ी मात्रा में तेल और गैस तथा ऊर्जा का भंडार करने पर है लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह पसंद नहीं आ सकता. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही बेहतर होगा कि उत्तर कोरिया से निपटा जाए जहां पर अमेरिका को अभी दिक्कत है.

उन्होंने कहा, यह मेरी दिक्कत नहीं होनी चाहिए थी. इसे वर्षों पहले ही हल किया जाना चाहिए था, जब यह कम खतरनाक थी. लेकिन यह समस्या मुझे दी गयी. ट्रंप ने पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने सेना को मजबूत नहीं बनाया. हिलेरी पिछले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी थीं.

ट्रंप ने कहा कि अन्य देशों के साथ काम करना काफी बेहतर है. उन्होंने कहा, हम उत्तर कोरिया के मुद्दे पर चीन के साथ काम कर रहे हैं. हम कई अन्य देशों के साथ काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि हम बहुत अच्छा कर रहे हैं. हमने सार्थक बातचीत की जैसा कि आप जानते हैं और आपने उसकी रिपोर्टें दी. हमने आज सुबह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन के साथ बातचीत की और मुझे लगता है कि कई अच्छी चीजें हो रही हैं. हम देखते हैं कि क्या होता है.

सोलबर्ग ने कहा कि नॉर्वे के रूस के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. नॉर्वे की सीमा रूस के साथ लगती है. यूरोपीय देशों के चुनावों में रूस के हस्तक्षेप के आरोपों पर एक सवाल के जवाब में सोलबर्ग ने कहा कि उनकी सरकार को नॉर्वे में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले.

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