सेना के दबाव में कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं जिंबाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे, 37 सालों तक किया एकछत्र राज

हरारे : जिंबाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे इस्तीफा देने पर राजी हो गये हैं. राष्ट्रपति कार्यालय के एक करीबी सूत्र ने यह जानकारी दी. सेना के दबाव के बीच उनके 37 साल लंबे शासन के अंत का समय करीब आ गया है. उनकी ओर से राष्ट्र को संबोधित करने में देरी के बाद एक सूत्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2017 8:10 AM

हरारे : जिंबाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे इस्तीफा देने पर राजी हो गये हैं. राष्ट्रपति कार्यालय के एक करीबी सूत्र ने यह जानकारी दी. सेना के दबाव के बीच उनके 37 साल लंबे शासन के अंत का समय करीब आ गया है. उनकी ओर से राष्ट्र को संबोधित करने में देरी के बाद एक सूत्र ने कहा कि हां, वह इस्तीफा देने के लिए राजी हो गये हैं. मुगाबे 93 साल के हैं. उनके पद से हटने की मांग को लेकर राजधानी हरारे में भारी भीड़ ने शनिवार को शांतिपूर्ण रैली की थी.

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मुगाबे की इस सप्ताह सत्ता पर पकड़ तब खत्म हुई, जब सेना ने प्रशासन पर अपना नियंत्रण कर लिया. यह उथल-पुथल उस विवाद को लेकर शुरू हुई कि दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले 93 वर्षीय राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी कौन होगा. वर्ष 1980 में आजादी के बाद से पहली बार उत्साहित जनता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरी और मुगाबे की निरंकुश सत्ता का अंत करने की मांग को लेकर लोग हरारे और अन्य शहरों से गुजरे.

सत्ता पर मुगाबे की पकड़ उस वक्त कमजोर हो गई, जब सेना ने राष्ट्रपति की पत्नी ग्रेस के सत्ता के दावेदार के तौर पर उभरने पर नाराजगी जतायी थी. सत्तारूढ़ जेडएएनयू-पीएफ पार्टी ने उन्हें पार्टी के नेता पद से बर्खास्त कर दिया और उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लिए कहा. मुगाबे की जगह पूर्व उप राष्ट्रपति इमर्सन मननगागवा को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है.

सैन्य प्रमुख कोस्टानटिनो चिवंगा से दो चरण की वार्ता के बाद मुगाबे का शाम के समय टेलीविजन के जरिये राष्ट्र को संबोधित करने का कार्यक्रम तय हुआ था.

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