सुषमा स्वराज ने एसीसीओ से कहा-आतंकवाद को बढ़ावा देना ठीक नहीं

संयुक्त राष्ट्र : आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शंघाई सहयोग संगठन (एसीसीओ) के अपने समकक्षों से कहा है कि आतंकवाद के किसी कृत्य को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2017 11:05 PM

संयुक्त राष्ट्र : आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शंघाई सहयोग संगठन (एसीसीओ) के अपने समकक्षों से कहा है कि आतंकवाद के किसी कृत्य को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने सदस्य देशों के बीच संपर्क की जरूरत पर भी जोर दिया. विदेश मंत्री नेअपने चीनी समकक्ष वांग यी से मिलीं और एक-दूसरे का अभिवादन के बाद संक्षिप्त बातचीत की.

सुषमा ने कहा, भारत सभी तरह के आतंकवाद और उसके स्वरूपों की निंदा करता है. आतंकवाद के किसी कृत्य को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा, एससीओ देशों के साथ संपर्क भारत की प्राथमिकता है. हम हमारे समाजों के बीच सहयोग और विश्वास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संपर्क चाहते हैं. सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि समग्रता, पारदर्शिता और स्थिरता इसके लिए महत्वपूर्ण है.

विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात की और संक्षिप्त बातचीत की. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. रवीश कुमार ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर बुधवार को दोनों नेताओं की एक-दूसरे से बातचीत करते हुए तस्वीर साझा की. उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, एक-दूसरे को अभिवादन करते हुए. श्यामन में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के दो सप्ताह बाद स्वराज और वांग में संक्षिप्त बातचीत हुई. चीन, कजाख्स्तान, किर्गीस्तान, रूस और तजाकिस्तान एससीओ के संस्थापक सदस्य हैं. भारत और पाकिस्तान जून में अस्ताना में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में समूह से जुड़े. न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर एससीओ की विदेश मंत्री स्तर की बैठक हुई.

उत्तर कोरिया का पतन नहीं चाहता दक्षिण कोरिया : मून

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जाए-इन नेगुरुवारको कहा कि उनका देश यह नहीं चाहता कि पड़ोसी उत्तर कोरिया का पतन हो जाये. साथ ही मून ने उत्तर कोरिया को आगाह किया कि वह परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षण बंद करे, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्योंगयांग अपने रुख एवं कदम में बदलाव करता है तो उसे दक्षिण कोरिया की मदद मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हमारा यह कतई इरादा नहीं है कि उत्तर कोरिया का पतन हो. हम पुन:एकीकरण की कोशिश नहीं करेंगे. मून यहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे के साथ त्रिपक्षीय बैठक करेंगे.

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