नोट से वोट पर पैनी नजर

कोलकाता: चुनाव में रुपये का खेल कोई नयी बात नहीं है. काले धन के बल पर वोटरों को रिझाने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं. इस पर नियंत्रण पाने के लिए चुनाव आयोग ने न केवल उम्मीदवारों का खर्च निर्धारित कर दिया है, बल्कि उनके खर्च पर नजर रखने की भी तगड़ी व्यवस्था की गयी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2014 12:13 PM

कोलकाता: चुनाव में रुपये का खेल कोई नयी बात नहीं है. काले धन के बल पर वोटरों को रिझाने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं. इस पर नियंत्रण पाने के लिए चुनाव आयोग ने न केवल उम्मीदवारों का खर्च निर्धारित कर दिया है, बल्कि उनके खर्च पर नजर रखने की भी तगड़ी व्यवस्था की गयी है.

इसके बावजूद धन के बलबूते पर चुनाव जीतने का प्रयास करने का यह खेल चल ही रहा है. चुनाव आयोग के निर्देश पर आयकर विभाग 24 घंटे इस पर नजर रख रहा है. इसके लिए आयकर विभाग ने एक कंट्रोल रुम खोल दिया है. डायरेक्टर जनरल ऑफ इनकम टैक्स (इनवेस्टीगेशन) गोपाल मुखर्जी ने बताया कि 19 मार्च को यह कंट्रोल रुम खोला गया था. अब तक 20 शिकायतें हमें मिल चुकी हैं. कई पर कार्रवाई भी की गयी है.श्री मुखर्जी ने बताया कि चुनाव में धन का अवैध इस्तेमाल रोकने के लिए आयकर विभाग के 135 अधिकारी दिन रात काम कर रहे हैं.

छह फ्लाइंग स्क्वायड भी बनाया गया है. अब तक विभिन्न स्थानों पर छापा मार कर हम लोग लगभग दो करोड़ रुपये जब्त कर चुकें हैं. मंगलवार को गिरिश पार्क में छापा मार कर आयकर अधिकारियों ने एक करोड़ 28 लाख रुपया जब्त किया. इसके साथ ही अब तक 91 लाख रुपये का सोना भी बरामद किया गया है. चुनाव में धन का अवैध इस्तेमाल रोकने के लिए आयकर विभाग द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी एचएन सिंह ने बताया कि अभी चुनाव की सरगरमी में तेजी नहीं आयी है.

मार्च का महीना खत्म होने के बाद चुनावी गतिविधि में उफान आयेगा, तब हमें और लोगों की जरुरत पड़ेगी. श्री सिंह ने बताया कि हम लोग पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही कहीं छापा मारते हैं. पिछले दिनों बहरमपुर में दो अलग-अलग मामलों में हम लोगों ने 53 लाख एवं 21 लाख रुपया जब्त किया, पर उस रकम का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों में आयकर विभाग की विशेष टीम गठित की गयी है. यूं तो हम लोग साल भर काले धन की धर-पकड़ करते रहते हैं, पर चुनाव के मद्देनजर हम लोग विशेष अभियान चला रहे हैं. हमारा ध्यान इस बात पर केंद्रीत है कि किसी भी तरह चुनाव में काले धन के इस्तेमाल पर नियंत्रण पाया जाये, ताकि इस काले धन के बल पर कोई भी उम्मीदवार किसी मतदाता को प्रभावित न कर पाये.

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