अगर भारत नहीं सुनता है तो चीन को सैन्य रास्ता अपनाना पड़ेगा : चीनी मीडिया

बीजिंग : चीन के एक विशेषज्ञ ने धमकी दी है कि अगर भारत ‘ऐतिहासिक सबक ‘ से कुछ सीखने से इनकार करता है तो सिक्किम सेक्टर में गतिरोध खत्म करने के लिए चीन ‘सैन्य रास्ता ‘ अपनाने को मजबूर होगा. डोका ला इलाके में चल रहे गतिरोध के बीच चीन का आधिकारिक मीडिया तथा दूसरे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 4, 2017 6:18 PM

बीजिंग : चीन के एक विशेषज्ञ ने धमकी दी है कि अगर भारत ‘ऐतिहासिक सबक ‘ से कुछ सीखने से इनकार करता है तो सिक्किम सेक्टर में गतिरोध खत्म करने के लिए चीन ‘सैन्य रास्ता ‘ अपनाने को मजबूर होगा.

डोका ला इलाके में चल रहे गतिरोध के बीच चीन का आधिकारिक मीडिया तथा दूसरे विचारक समूहों ने कहा है कि ‘अगर भारत और चीन के बीच टकराव को सही ढंग से नहीं निपटाया गया तो युद्ध भी संभव है. ‘ ‘शंघाई एकैडमी ऑफ सोशल साइंसेज ‘ के शोधार्थी हू झगियोंग ने सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स ‘ से कहा, ‘ ‘ चीन भारत के साथ ऐतिहासिक सबक का इस्तेमाल करने और समस्या के शांतिपूर्ण समाधान में गंभीरता दिखाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन अगर भारत सुनने से इंकार करता है तो चीन को समस्या का समाधान करने के लिए सैन्य रास्ता अपनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. ‘ ‘ हू ने दावा किया कि भारत चीन को उकसा रहा है क्योंकि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में थे तब उसने अमेरिका के समक्ष यह साबित करना चाहा कि वह चीन को नियंत्रित कर सकता है.

उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरह नहीं हैं.

हू ने कहा, ‘ ‘ओबामा का मानना है कि भारत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे समान मूल्यों को साझा करते हैं, लेकिन ट्रंप बहुत व्यवहारिक हैं और वह भारत को मूल्यवान साझेदार के तौर पर नहीं मानते क्योंकिनयी दिल्ली बीजिंग का मुकाबला करने के लिए बहुत कमजोर है. ‘ ‘ अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ ‘विशेषज्ञों ने उसवक्त भारत की धमकी पर मजाक बनाया जब बीते शुक्रवार को भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है. ‘ ‘ हू ने कहा, ‘ ‘चीन और भारत की सेनाओं के बीच का अंतर 1962 के मुकाबले कहींबड़ा है और मैं आशा करता हूं कि भारत अपनी भलाई के लिए शांत रहेगा. ‘ ‘

Next Article

Exit mobile version