र्इद से पहले मक्का मस्जिद पर हमले की साजिश नाकाम होने पर खुद को उड़ाया आत्मघाती

रियाद: सऊदी अरब में पुलिस ने रमजान महीने के आखिर में इस्लाम के पवित्र स्थलों में से एक मक्का की मस्जिद-अल-हराम में हमले की साजिश को नाकाम कर दिया, जब एक आत्मघाती हमलावर ने मस्जिद के समीप खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. गृह मंत्रालय ने बताया कि उसने जेद्दा और मस्जिद-अल-हराम के समीप स्थित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2017 2:34 PM

रियाद: सऊदी अरब में पुलिस ने रमजान महीने के आखिर में इस्लाम के पवित्र स्थलों में से एक मक्का की मस्जिद-अल-हराम में हमले की साजिश को नाकाम कर दिया, जब एक आत्मघाती हमलावर ने मस्जिद के समीप खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. गृह मंत्रालय ने बताया कि उसने जेद्दा और मस्जिद-अल-हराम के समीप स्थित अजयाद-अल-मसाफी सहित मक्का में दो इलाकों में छापेमारी शुरू की है. मंत्राालय के एक बयान में बताया गया है कि तीन मंजिला एक मकान में छिपे एक आत्मघाती हमलावर और उनके बीच गोलीबारी हुई. हमलावर ने धमाके से खुद को उड़ा लिया. इसके बाद इमारत ध्वस्त हो गयी. आत्मघाती हमलावर मारा गया और सुरक्षा बलों के पांच सदस्य तथा छह विदेशी घायल हो गये.

इस खबर को भी पढ़ेंः सऊदी अरब: ईद के पहले मदीना में पैगंबर की मस्जिद के बाहर आत्मघाती हमला, 4 की मौत

सऊदी अरब के सरकारी टेलीविजन ने मस्जिद-अल-हराम के आसपास शुक्रवार को की गयी छापेमारी के फुटेज प्रसारित किये हैं, जिनमें पुलिस और बचाव कर्मी आसपास की संकरी सड़कों में दौड़ते नजर आ रहे हैं. विस्फोट से इमारत ध्वस्त हो गयी और इसकी दीवारें वहां खड़ी एक कार पर गिरी. समीपवर्ती इमारतों पर गोलियां और छर्रे लगे हैं.
गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आतंकी नेटवर्क की साजिश नाकाम कर दी गयी है, जिसका उद्देश्य मस्जिद-अल-हराम की सुरक्षा को निशना बना कर दहशत फैलाना था. बयान में कहा गया है कि विदेश में रची गयी इस साजिश का उद्देश्य देश की सुरक्षा और स्थिरता को नष्ट करना था.
मंत्राालय ने हमले में शामिल किसी भी समूह का नाम नहीं लिया है. अतिरूढ़िवादी, सुन्नी बहुल यह देश बरसों से अलकायदा के उग्रवाद का सामना कर रहा है. हाल ही में उसने इस्लामिक स्टेट समूह की स्थानीय शाखा के हमलों का सामना किया है.
गिरफ्तार लोगों के बारे में किसी ने तत्काल कुछ नहीं कहा है. इस्लामिक स्टेट के प्रति सहानुभूति रखने वालों ने और हमले करने की अपील की है. इस बीच इराक में चल रहे अभियान ने चरमपंथियों को मोसुल से धीरे-धीरे बाहर करना शुरू कर दिया है. यही स्थिति सीरिया के राक्का में है.
वैसे भी सऊदी अरब अत्यंत संवेदनशील समय से गुजर रहा है. सऊदी शाह ने अपने बेटे एवं रक्षा मंत्री मोहम्मद-बिन-सलमान को इसी सप्ताह अपना उत्तराधिकारी बनाने का ऐलान किया. नवनियुक्त युवराज 31 वर्ष के हैं और यमन में शिया विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के युद्ध के मुख्य शिल्पकार हैं. शिया शासित ईरान के साथ अपने देश के टकराव के बारे में उन्होंने तीखी टिप्पणियां भी की थीं.
इस बीच, सऊदी अरब और अन्य अरब देशों ने समीपवर्ती कतर के साथ अपने राजनयिक रिश्ते तोड़ लिये हैं और उग्रवादियों को कथित समर्थन तथा ईरान के साथ रिश्तों को लेकर ऊर्जा बहुल इस नन्हे देश को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं. कतर इन आरोपों को नकारता रहा है. जुलाई, 2016 में हुए एक आत्मघाती हमले में सऊदी अरब के सुरक्षा बलों के चार सदस्य मारे गये थे.
मस्जिद अल हराम पहले भी उग्रवादियों के निशाने पर रही है. यह इस्लामिक जगत में सत्तारूढ़ अल सउद परिवार का भी प्रतिनिधत्व करती है. शाह सलमान को दोनों पवित्र मस्जिदों के संरक्षक के तौर पर जाना जाता है.

Next Article

Exit mobile version