अमेरिकी यात्रा के दौरान पीएम मोदी की ट्रंप के साथ नहीं होगी एच-1बी वीजा पर कोर्इ बात

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के दौरान विवादित एच-1बी वीजा मुद्दा नहीं उठाया जायेगा. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मामला अभी समीक्षाधीन है और मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.सोमवार को व्हाइट हाउस में मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2017 10:45 AM
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के दौरान विवादित एच-1बी वीजा मुद्दा नहीं उठाया जायेगा. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मामला अभी समीक्षाधीन है और मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.सोमवार को व्हाइट हाउस में मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली मुलाकात से पहले, एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि एच-1बी वीजा मुद्दे पर बातचीत की कोई योजना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि लेकिन अगर भारत की ओर से यह मुद्दा उठाया गया, तो अमेरिका इसके लिए तैयार है.
अधिकारी ने कहा कि अगर यह मुद्दा उठाया गया, तो मैं यह बताना चाहूंगा कि प्रशासन ने कार्य और आव्रजन संबंधी कुछ शासकीय आदेशों पर हस्ताक्षर किये हैं . एच-1बी वीजा पर राष्ट्रपति ट्रंप का शासकीय आदेश विदेश मंत्री, अर्टानी जनरल, श्रम मंत्री, और गृह सुरक्षा मंत्री को एच-1बी वीजा कार्यक्रम में संभावित सुधारों का प्रस्ताव तैयार करने का प्रस्ताव देने के लिए है.
नाम जाहिर न करने की शर्त पर प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि बहरहाल वीजा आवेदन या इसे जारी करने की प्रक्रिया में तत्काल कोई बदलाव नहीं किये गये हैं. इसलिए हम ऐसी स्थिति में नहीं है कि हम समीक्षा के संभावित परिणामों पर पूर्वानुमान लगायें. उन्होंने कहा कि इसलिए वास्तव में इस समय कोई बदलाव नहीं किये गये हैं और न ही ऐसे कोई बदलाव किये गये हैं, जो किसी विशेष देश या क्षेत्र को प्रभावित करें.
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल महीने में अमेरिका ने भारत के आर्इटी कंपनियों पर एच-1बी वीजा के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत की दिग्गज आईटी कंपनियां एच1बी वीजा का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. उसने भारत की दो दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस पर एच1बी वीजा में दुरुपयोग का आरोप लगाया था. ट्रंप प्रशासन ने 21 अप्रैल को कहा था कि लॉटरी सिस्टम में ज्यादा से ज्यादा आवेदन कर ये कंपनियां एच1बी वीजा के कोटे में बड़ा हिस्सा हासिल कर लेती हैं.

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