Video : राजीव कैश कांड में सीबीआई ने दर्ज की प्राथमिकी, जानिए क्या है पूरा मामला

प्राथमिकी शुरुआती जांच करनेवाले सीबीआइ इंस्पेक्टर अनिल कुमार की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की है.

By Raj Lakshmi | January 20, 2023 3:53 PM

राजीव कैश कांड में सीबीआई ने दर्ज की प्राथमिकी, जानिए क्या है पूरा मामला

राजीव कैश कांड में दिल्ली सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इसमें कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल सहित अज्ञात पुलिस अधिकारियों व अन्य को अभियुक्त बनाया गया है. सीबीआइ ने यह प्राथमिकी शुरुआती जांच करनेवाले सीबीआइ इंस्पेक्टर अनिल कुमार की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की है. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने गुरुवार को कोलकाता के व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल और उनसे जुड़े लोगों के झारखंड और पश्चिम बंगाल के ठिकानों में छापेमारी की. सीबीआइ ने यहां साल्टलेक, गरिया, अलीपुर, डलहौजी समेत कुछ अन्य इलाकों में दबिश दी है. अभियान के दौरान कुछ दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

हालांकि जांच एजेंसी की ओर से आधिकारिक तौर पर इसका खुलासा नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली सीबीआइ ने हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में पहले पीइ दर्ज कर जांच शुरू की थी. इसके बाद इंस्पेक्टर अनिल कुमार की रिपोर्ट के आधार पर नियमित प्राथमिकी दर्ज की है. इंस्पेक्टर दिनेश कुमार को इस मामले में जांच अधिकारी बनाया गया है. इधर अब इस पूरे मामले में इडी भी नया मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहा है. इंस्पेक्टर अनिल कुमार द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज शिकायत में यह कहा गया है कि हाइकोर्ट ने 30 नवंबर को प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में की गयी जांच में यह पाया गया कि शिवशंकर शर्मा ने एक पीआइएल दायर की थी.

इसमें राजीव कुमार शिवशंकर के वकील थे. इस पीआइएल में यह आरोप लगाया गया था कि अमित अग्रवाल ने सोरेन परिवार के लिए कई शेल कंपनियां बनायी और नाजायज पैसों की मनी लाउंड्रिंग की. याचिका में पूजा सिंघल सहित अन्य को पार्टी बनाया गया था. याचिका में यह भी कहा गया था कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम पर माइंस लिया. जांच में पाया गया कि अमित अग्रवाल ने मार्च 2022 में रांची के तत्कालीन उपायुक्त के माध्यम से राजीव कुमार को पीआइएल के सिलसिले में प्रभावित करने का प्रयास किया था. अमित ने 31 जुलाई 2022 को कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर राजीव कुमार और शिवशंकर शर्मा पर 10 लाख रुपये घूस के बदले पीआइएल को प्रभावित करने का आरोप लगाया.

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