रामगढ़-पतरातू फोरलेन सड़क अब होगी चकाचक, जानें कब शुरू होगा काम
रामगढ़ सुभाष चौक से पतरातू डैम तक करीब 27 किमी लंबी फोरलेन सड़क 15 करोड़ की लागत से बहुत जल्द चकाचक होनेवाली है. इस सड़क पर 40 एमएम मोटी लेयर चढ़ायी जायेगी. इसमें सड़क के लेवलिंग ग्रोटिंग का भी ख्याल रखा जायेगा. सड़क के टूटे हिस्से की रिपेयरिंग भी होगी.
भुरकुंडा, राजकुमार सिंह. रामगढ़ सुभाष चौक से पतरातू डैम तक करीब 27 किमी लंबी फोरलेन सड़क 15 करोड़ की लागत से बहुत जल्द चकाचक होनेवाली है. इस सड़क पर 40 एमएम मोटी लेयर चढ़ायी जायेगी. इसमें सड़क के लेवलिंग ग्रोटिंग का भी ख्याल रखा जायेगा. सड़क के टूटे हिस्से की रिपेयरिंग भी होगी. जरूरत के अनुसार कहीं-कहीं ज्यादा मोटी परत चढ़ायी जायेगी. यह काम महाराष्ट्र सोलापुर की कंपनी एवरेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर को मिला है. कंपनी को झारखंड की महत्वपूर्ण कुल पांच फोरलेन और सिक्सलेन सड़कों को चकाचक करने की जिम्मेदारी दी गयी है.
रामगढ़-पतरातू फोरलेन पर काम होगा शुरू
वर्तमान में रांची-हजारीबाग के बीच 70 किलोमीटर फोरलेन व रांची रिंग रोड में दलादली से रामपुर तक सिक्सलेन पर करीब 30 किलोमीटर हिस्से पर काम चल रहा है. कंपनी ने इसके लिए ओरमांझी के कुच्चू में मैटेरियल प्लांट लगाया है. उक्त सड़क का काम पूरा होते ही रामगढ़-पतरातू फोरलेन पर काम शुरू कर दिया जायेगा. इस सड़क का काम पूरा होते ही अगले फेज में पतरातू डैम फाटक से मुख्यमंत्री आवास रांची तक करीब 35 किलोमीटर हिस्से पर काम शुरू होगा.
विकास से दलादली तक करीब 25 किलोमीटर पर भी काम चलेगा
इसके साथ ही रिंग रोड में विकास से दलादली तक करीब 25 किलोमीटर पर भी काम चलेगा. उक्त सड़कों को बेहतर बनाने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. रामगढ़-पतरातू व पतरातू-रांची सड़क को लेकर कंपनी मैटेरियल प्लांट का स्थल बदल सकती है. कंपनी ने कुछ दिन पूर्व कुरसे में मैटेरियल प्लांट लगाने का संकेत भी दिया था. इस संबंध में कंपनी के इंजीनियर अक्षय कुमार ने बताया कि रामगढ़-पतरातू मार्ग पर दो महीने के अंदर काम शुरू कर दिया जायेगा.
Also Read: रांची में न तो नक्शा पास हो रहा, न ही बालू मिल रही! सड़क-नाली, भवन निर्माण लगभग ठप
नौ वर्ष के बाद हो रहा काम
रामगढ़-पतरातू डैम फोरलेन 2014 में बनकर तैयार हुआ था. नियमत: प्रत्येक पांच वर्ष में इसकी रिपेयरिंग व पीचिंग होनी चाहिए थी. लेकिन जेएआरडीसीएल की लेट-लतीफी के कारण अब नौ साल के बाद काम शुरू होने वाला है. समय से काम नहीं होने के कारण फोरलेन सड़क कई जगहों पर टूट चुकी है. इस वजह से अक्सर दुर्घटना होती रहती हैं.