ममता बनर्जी का फरमान : 7 दिनों में निपटाएं शिकायतें, नियुक्ति कमेटी के अनुमोदन बिना नहीं होगी भर्ती

West Bengal News: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठक के दौरान साफ कर दिया कि बिना नियुक्ति कमेटी के अनुमोदन के कोई भी भर्ती नहीं होगी.इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर कड़ा निर्देश दिया है. सीएमओ में आई शिकायतों का निपटारा सात दिनों के अंदर करना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2022 6:14 PM

West Bengal News: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को प्रशासनिक बैठक के दौरान यह बात साफ कर दिया है कि बिना नियुक्ति कमेटी के अनुमोदन के कोई भी भर्ती नहीं होगी. इसका कारण यह है कि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी इस समय भर्ती भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद हैं. इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर कड़ा निर्देश दिया है. ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रशासनिक बैठक में साफ संदेश दिया कि नियुक्ति समिति की मंजूरी के बिना किसी को भी नौकरी नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि सीएमओ में आई शिकायतों का निपटारा सात दिनों के अंदर करना होगा. सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के आला मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की.

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बिना नियुक्ति समिति के अनुमोदन की नहीं होगी भर्ती

सूत्रों के अनुसार इस दिन मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि नियुक्ति समिति के निर्देश के बिना किसी की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में समितियों की अनुमति के बाद ही किसी को नौकरी दी जा सकती है. ममता ने साफ किया कि उनका प्रशासन पारदर्शी है. वह नहीं चाहते कि नियुक्ति में बेनियम के आरोपों से उनका प्रशासन बदनाम हो। वह नहीं चाहते कि कोई प्रशासन पर उंगली उठाए। राज्य में भर्ती में भ्रष्टाचार को लेकर कई मामले चल रहे हैं.

7 दिनों के अंदर निपटानी होगी शिकायत

ममता बनर्जी ने भी बुधवार को सभी जिलाधिकारियों, शीर्ष स्तर के नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में ऐसा ही निर्देश दिया कि 7 दिनों के अंदर निपटानी होगी शिकायत. मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि सीएमओ से लेकर पंचायतों तक की किसी भी शिकायत की फाइल को दबाया नहीं जाना चाहिए. मुख्यमंत्री सचिवालय (Chief Minister’s Secretariat) को जो भी शिकायत मिले उसका सात दिन के भीतर समाधान किया जाए. इसी प्रकार पंचायत या जिला परिषद स्तर पर किसी भी प्रकार की शिकायत का निराकरण समय से किया जाए.

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