Lakhimpur Kheri Violence: अजय मिश्र का बयान- एजेंसी कर रही जांच, इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं

लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बैलेस्टिक रिपोर्ट में आरोपी आशीष मिश्रा की बंदूक से गोली चलने की बात प्रमाणित होने के सवाल पर अजय मिश्रा ने कहा कि ना तो वो और ना ही सरकार किसी भी चीज में हस्तक्षेप करेगी. जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

By Prabhat Khabar | November 12, 2021 8:10 PM

Lakhimpur Kheri Violence: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा है कि लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है, इस पर वो कुछ नहीं बोलेंगे. यह विषय जांच एजेंसी और न्यायालय के पास है, इसलिए इस बारे में कुछ और बोलना उचित नहीं है. लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बैलेस्टिक रिपोर्ट में आरोपी आशीष मिश्रा की बंदूक से गोली चलने की बात प्रमाणित होने के सवाल पर अजय मिश्रा ने कहा कि ना तो वो और ना ही सरकार किसी भी चीज में हस्तक्षेप करेगी. जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र वाराणसी में शनिवार को पहली बार आयोजित होने जा रहे हिंदी राजभाषा के अखिल भारतीय कार्यक्रम के बारे में बताने के लिए मीडिया से रूबरू थे. इस दौरान लखीमपुर खीरी हिंसा में आशीष मिश्रा के मुख्य आरोपी होने के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने के सवाल के जवाब में कहा कि जब तक जांच हो रही है तो इस तरह के सवालों का कोई औचित्य नहीं है. मामले की जांच एजेंसी जांच कर रही है. न्यायालय में मामला है इसलिए जो भी होगा वह ठीक होगा.

राहुल गांधी के बयान कि हिंदू और हिंदुत्व में फर्क है और आरएसएस अपनी मंशा में कामयाब हो गई है, के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने कहा कि राहुल गांधी के बारे में वो कुछ गंभीरता से नहीं कह सकते, क्योंकि उनको कोई गंभीरता से लेता ही नहीं है. उनके विषय पर मैं कुछ कहना नहीं चाहता. 2022 में प्रियंका गांधी की ओर से सरकार बनाने के दावे पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा वो 2014, 2017, 2019 में भी कह रही थी कि सरकार बना रहे हैं. रिजल्ट दिख गया.

फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान कि असली आजादी 2014 में मिली है, 1947 वाली आजादी भीख में मिली थी. इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने पलटवार करते हुए कहा कि असली आज़ादी 1947 में ही मिली थी और यह विषय ऐसे लोग उठाते हैं जिनके सोचने-समझने की हैसियत उतनी ही है.

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