काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद मुमुक्षु धाम के भी खुले द्वार, हाईटेक भवन में मिलेंगी कई सुविधाएं

Kashi Vishwanath Corridor: काशी में मृत्यु की इच्छा लिए आने वाले लोगो की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे निर्मित किया गया है. यहां आने वाले लोगो की ऐसी मान्यता है कि काशी में मृत्यु के बाद भगवान शंकर खुद तारक मंत्र देते है,

By Prabhat Khabar | December 15, 2021 3:02 PM

मोक्ष प्रदायिनी माँ गंगा की प्रिय नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही मुक्ति का द्वार, मुमुक्षु भवन भी खुल गया है. भगवान शिव की नगरी काशी में मृत्यु प्राप्त करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. यहां देह त्याग करने वालो को जन्म जन्मान्तर के बंधनों से मुक्ति मिलती हैं. इसके लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के वक्त नए निर्मित भवनों के साथ एक मुमुक्ष भवन का भी निर्माण किया गया है. जहां मोक्ष की कामना लिए आए लोगो के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाला हाईटेक मुमुक्ष भवन बनकर तैयार है.

काशी में मृत्यु की इच्छा लिए आने वाले लोगो की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे निर्मित किया गया है. यहां आने वाले लोगो की ऐसी मान्यता है कि काशी में मृत्यु के बाद भगवान शंकर खुद तारक मंत्र देते है, जिससे मनुष्यों को सभी योनियों से मुक्ति मिल जाती है. यही वजह है कि जीवन के अंतिम समय में लोग काशी आते हैं.

गरीब और क्या अमीर, सभी की एक ही इच्छा है कि काशी आये हैं तो अब यहीं रह कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन करें और मुक्ति के बाद यहीं के महाश्मशान पर पुराणों की मान्यता के अनुसार भगवान शिव से तारक मंत्र लेकर मोक्ष को प्राप्त करें. इसीलिए बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस को मोक्ष की नगरी भी कहते हैं.

आज भी मोक्ष की कामना से जिंदगी के अंतिम समय में लोग यहां आते हैं. इसके लिए काशी में कई अलग-अलग जगहों पर मुमुक्षु भवन है. लेकिन अब काशी को सबसे हाईटेक मुमुक्षु भवन की सौगात मिल गई है. इस मुमुक्षु भवन एकसाथ 48 लोगो के ठहरने की व्यवस्था है. AC और नॉन AC कमरो के अलावा बड़ा हॉल और आरामदायक बेड भी इस भवन में लगाए गए हैं.

इन सब के अलावा धार्मिक पुस्तकों का संग्रह भी इस भवन में है. साथ ही मोक्ष की कामना से आने वाले लोगो को इस भवन में शिव तांडव स्रोत और शिव मंत्रो को भी ऑडियो सिस्टम के जरिए सुन सकते हैं. काशी को मोक्ष की नगरी कहा गया है, इसलिए दूसरे राज्यों से लोग यहां पर मरने के लिए आते हैं. नियमित दिनचर्या का पालन करते हुए एक दिन पंचतत्व में वे विलीन हो जाते हैं.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस मुमुक्षु भवन में कई तरह की आधुनिक सुविधाएं भी दी गईं हैं. AC और NON-AC कमरे, लंच-डिनर की व्यवस्था, कपड़े, इलाज, काशी में घूमना, मनोरंजन के हर संसाधन इस भवन में रहने वाले लोगों को मिलेगा. मौत से पहले जिंदगी जी लेने की इच्छा भी यहां पर पूरी होगी.

इस भवन का एक शर्त है कि यहां पर केवल दंपती ही रह पाएंगे. वह भी जो बनारस का नहीं हो. मान्यता है कि काशी में कहीं भी प्राण त्यागने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. यहां तो बाबा के धाम में ही मुमुक्षु भवन बनाया गया है, जो कि बेहद ही विशेष है. वहीं, खर्च की जिम्मेदारी अगर मोक्ष के लिए आए दंपती का परिवार नहीं उठा पाता है तो मंदिर प्रशासन व्यवस्था करेगा.

एडवांस सुख-सुविधाओं का भोग ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जीवन का भी पालन करना होगा. यहां हर रोज ब्रह्म मुहूर्त (भोर) में उन्हें शिवाष्टकम, शिवमहिम्न्न स्तोत्र, शिवतांडव स्तोत्र, शिवमहापुराण की कथा सुनाई जाएगी. गंगास्नान, जल का उपयोग,गीता का पाठ आदि रोजाना करना होगा. वहीं, धार्मिक कार्यों में भी उन्हें हाथ बंटाना होगा.

Also Read: PM Modi Kashi Visit: काशी में PM मोदी बोले- ‘जब भी देश संकट में आता है, कोई ना कोई संत अवतरित हो जाता है’

रिपोर्ट: विपिन सिंह

Next Article

Exit mobile version