डालमिया ग्रुप की लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी पर धोखाधड़ी की FIR, कोर्ट ने दिया केस चलाने का आदेश

यह आदेश अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एमएन राय द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया. डालमिया ग्रुप की कंपनी पर शेयर ट्रांसफर के नाम पर धोखाधड़ी कर ₹53.14 करोड़ हड़पने का आरोप है. इसकी एफआईआर 16 फरवरी, 2019 में थाना टीपी नगर मेरठ में दर्ज कराई गई थी.

By Prabhat Khabar | April 18, 2022 3:35 PM

Meerut News: एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीजन ने डालमिया ग्रुप की लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी के डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे को स्टेट केस की तर्ज पर दर्ज करने का आदेश दिया है. यह आदेश अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एमएन राय द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया. डालमिया ग्रुप की कंपनी पर शेयर ट्रांसफर के नाम पर धोखाधड़ी कर 53.14 करोड़ हड़पने का आरोप है. इसकी एफआईआर 16 फरवरी, 2019 में थाना टीपी नगर मेरठ में दर्ज कराई गई थी.

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक, लैंडमार्क प्रॉपर्टी डेवलपमेंट एंड कंपनी के डायरेक्टर आदि पदों पर तैनात पदाधिकादियों ने केवल 4 फीसदी शेयर ट्रांसफर किए थे. अंसल प्रॉपर्टीज द्वारा जांच करने पर पता चला कि शेष 46 फीसदी शेयर बैंक के पास गिरवी के तौर पर बंधक पड़े थे. उनको ट्रांसफर नहीं किया जा सकता था. आरोपों के मुताबिक, फर्जी दस्तावेज के आधार पर 53.14 करोड़ रुपए हड़प लिए गए. इसी मामले की सुनवाई करते हुए एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीजन ने राकेश अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव डालमिया, मृदु डालमिया, पदमा डालमिया, आभा डालमिया व रघुहरि डालमिया के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 190(1)ख के तहत तहत आईपीसी की धारा 420, 406 और 120बी के तहत मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए इस स्टेट केस की भांति दर्ज करने का आदेश दिया है.

कहां से हुई मामले की शुरुआत?

कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई की दौरान थाना टीपी नगर द्वारा मामले में दाखिल फाइनल रिपोर्ट को भी खारिज करने के योग्य बताया. अदालत को दाखिल केस में बताया गया है कि अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड व आरोपित अभियुक्तगण लैंडमार्क टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के बीच 13 सितंबर, 2004 को एक ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट हुआ था. इसके तहत दोनों कंपनियां मेरठ करनाल तथा गाजियाबाद की 246 एकड़ भूमि पर कॉलोनी विकसित करना था. इसी बीच 21 दिसंबर 2012 को दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से यह निर्णय लिया गया कि लैंडमार्क ग्रुप अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड समूह से बाहर निकल जाएगा तथा अपने 50 प्रतिशत शेयर अंसल समूह को ट्रांसफर कर देगा.

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