Falgun Month 2023: फाल्गुन मास में है प्रेम, विवाह और वैवाहिक जीवन का विशेष महत्व, आइए जानें क्यों

Falgun Month 2023: फाल्गुन मास जो आज 6 फरवरी से शुरू हो चुका है को ऊर्जा और यौवन का मास मानते हैं. कहा जाता है कि फाल्गुन के महीने में वातावरण खुशनुमा हो जाता है और हर जगह नई उमंग छा जाती है.

By Shaurya Punj | February 6, 2023 3:30 PM

Falgun Month 2023: फाल्गुन मास की शुरूआत आज यानी 6 फरवरी से शुरू हो चुका है. हिंदू धर्म में ये साल का अंतिम महीना होता है. यह मास परिवर्तन और रंगों से सराबोर हर्षोल्लास का मास है. फाल्गुन के महीने को ऊर्जा और यौवन का मास मानते हैं. कहा जाता है कि फाल्गुन के महीने में वातावरण खुशनुमा हो जाता है और हर जगह नई उमंग छा जाती है.

प्रेम, विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए फाल्गुन मास का है विशेष महत्व

फाल्गुन के महीने में प्रकृति खिलखिला उठती है. सर्दी का अंत और गर्मी की शुरुआत होने लगती है. चारों ओर प्रेम की बयार बहती है. सारा वातावरण रंगीन दिखाई पड़ता है. बसंत का प्रभाव होने से फाल्गुन महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है. कहते हैं कि इस महीने प्रेम, विवाह और वैवाहिक जीवन के प्रयोग विशेष सफल होते हैं. प्रकृति के नजरिए से फाल्गुन का महीना जितना महत्वपूर्ण है उतना ही इसका धार्मिक महत्व भी है.

प्रेम संबंधों में मिठास

फाल्गुन का महीना श्रीकृष्ण को अति प्रिय है. राधा-कृष्ण का प्रेम जगजाहिर है. कहते हैं फाल्गुन में रोजाना गुलाब के फूल से श्रीकृष्ण की पूजा करने से प्रेम संबंधों में मधुरता आती है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है.

वैवाहिक जीवन

फाल्गुन में महाशिवरात्रि पर शंकर-पार्वती का मिलन हुआ था. शिव-पार्वती सुखी दांपत्य  का सबसे उत्तम उदाहरण है. कहते हैं इस दिन भोलेनाथ को बेलपत्र और देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.

फाल्गुन मास का महत्व

फाल्गुन मास का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, इस महीने में होली, विजय एकादशी, फुलेरा दूज, महाशिवरात्रि और भी अन्य पर्व मनाए जाते हैं. फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है. इस दौरान श्रीकृष्ण के 3 रूपों- बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जाती है.

इस मास के प्रारंभ होते ही मौसम गर्म होने लगता है और सर्दी की विदाई होने लगती है. फाल्गुन मास में बसंत ऋतु का समय होता है इसलिए चारों और छटा निराली  होती है.फाल्गुन मास महादेव का प्रिय त्यौहार महाशिवरात्रि आता है. इसके साथ ही रंगों का त्यौहार होली भी इसी महीने आता है. महाशिवरात्रि पर जहां शिव पूजा का भी विशेष महत्व है.

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि prabhatkhabar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.)

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