Bengal Chunav 2021: चुनाव में उम्मीदवार उतारने की घोषणा के बाद ओवैसी को झटका, AIMIM के राज्य प्रभारी ज़मीरुल हसन ने छोड़ी पार्टी

bengal Chunav 2021, Owaisi got shocked after announcing candidate for election AIMIM state in-charge Zamirul Hasan left party : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में AIMIM ने चुनाव लड़ने का एलान किया है. पर पार्टी को राज्य में लागातार झटका लग रहा है. क्योंकि एक एक करके इसके नेता दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. शुक्रवार को पश्चिम बंगाल AIMIM के राज्य प्रभारी ज़मीरुल हसन ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2021 7:28 PM

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में AIMIM ने चुनाव लड़ने का एलान किया है. पर पार्टी को राज्य में लागातार झटका लग रहा है. क्योंकि एक एक करके इसके नेता दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. शुक्रवार को पश्चिम बंगाल AIMIM के राज्य प्रभारी ज़मीरुल हसन ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया.

अब जमीरूल हसन अलग पार्टी ‘इंडियन नेशनल लीग’ में शामिल हो रहे हैं जो नंदीग्राम में सीएम और टीएमसी नेता ममता बनर्जी का समर्थन करेगी. नंदीग्राम सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी और टीएमसी उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर होगी.

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 को लेकर असदुद्दीन औवैसी की पार्टी AIMIM ने चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा एलान किया है. एआईएमआईएम ने कहा है कि पार्टी मुर्शिदाबाद के 13 सीटों पर कैंडिडेट उतारेगी. इससे पहले माना जा रहा था कि ओवैसी पूरे बंगाल में अपने उम्मीदवार का एलान करेंगे, लेकिन चुनाव से पहले एआईएमआईएम ने अपनी रणनीति बदल दी है.

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अधीर का गढ़ है मुर्शिदाबाद- बता दें कि मुर्शिदाबाद में विधानसभा की कुल 22 सीट है, जिसमें से कांग्रेस पिछले चुनाव में 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी. मुर्शिदाबाद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ माना जाता है. बंगाल में 2011 का चुनाव हो या 2016 का अधीर रंजन अकेले दम पर कांग्रेस को इन इलाकों में जीत दिलाई है. बताया जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी के यहां लड़ने से सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को ही होगा.

अधीर ने ठुकराया था अब्बास का प्रस्ताव- बतातें चलें कि बंगाल में संयुक्त मोर्चा बनने के दौरान फुरफुरा शरीफ (Furfura Sharif) के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी (pirzada abbas siddiqui) ने ओवैसी की पार्टी को संयुक्त मोर्चा में शामिल करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन अधीर रंजन चौधरी ने पीरजादा की इस मांग को ठुकरा दिया था. अधीर ने कांग्रेस के साथ सीपीएम और आईएसएफ को ही रहने की बात कही थी.

Posted By: Pawan Singh

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