कोरोना का डर खत्म हुआ नहीं, पश्चिम बंगाल को डराने आ गया स्वाइन फ्लू

13 swine flu patients found in west bengal amid threat of coronavirus. कोरोना के डर से लोग अभी उबर भी नहीं पाये हैं कि पश्चिम बंगाल में दो बच्चों सहित 13 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गयी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक निजी अस्पताल में मणिपुर की एक महिला, हुगली जिले की 10 साल की बच्ची और ओड़िशा की 23 महीने की बच्ची का स्वाइन फ्लू का इलाज चल रहा है.

By Mithilesh Jha | March 14, 2020 3:33 PM

कोलकाता : कोरोना के डर से लोग अभी उबर भी नहीं पाये हैं कि पश्चिम बंगाल में दो बच्चों सहित 13 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गयी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक निजी अस्पताल में मणिपुर की एक महिला, हुगली जिले की 10 साल की बच्ची और ओड़िशा की 23 महीने की बच्ची का स्वाइन फ्लू का इलाज चल रहा है.

इनके अलावा शहर में 10 अन्य लोगों में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. अधिकारी ने कहा, ‘इन मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. राज्य सरकार चिकित्सा संस्थान के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.’ पिछले सप्ताह सऊदी अरब से मुर्शिदाबाद जिला लौटे एक व्यक्ति में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. उसका बेलियाघाट आइडी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

स्वाइन फ्लू के बारे में पहली बार वर्ष 1919 में पता चला था. इंफ्लूएंजा ग्रुप का यह संक्रमण सुअर से फैलता है. H1N1 वायरस की वजह से होने वाला यह संक्रमण सुअर से इंसानों में पहुंचा. यह भी कोरोना की तरह जानलेवा है. बुखार, खांसी, गले में खिचखिच, कमजोरी और शरीर में तेज दर्द इसके लक्षण हैं.

आमतौर पर बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लिए यह संक्रमण घातक साबित हो सकता है. इस बीमारी में डॉक्टर आराम करने की सलाह देते हैं. दर्द कम करने की दवाएं उन्हें दी जाती हैं. कुछ मामलों में एंटीवायरल दवाएं भी दी पीड़ित को जाती हैं.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2009 में इस संक्रमण से दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो गयी थी. कोरोना की तरह स्वाइन फ्लू ने भी महामारी का रूप ले लिया था. सुअर से इंसानों में पहुंचने वाला यह फ्लू इंसान से इंसान में भी फैलता है. इसलिए इससे बचने की जरूरत होती है.

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