ऐपल के iPhone की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है, लेकिन इनकी कीमत भी उतनी ही प्रीमियम होती है. यही वजह है कि सेकेंड हैंड या प्री-ओन्ड ऐपल iPhones की मांग तेजी से बढ़ रही है. ये फोन कम कीमत में लगभग वही क्वालिटी देने का दावा करते हैं. हालांकि, भारत में ऐपल आधिकारिक रूप से रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स नहीं बेचता, लेकिन ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में ये आसानी से मिल जाते हैं. ऐसे में अगर आप भी कोई सेकेंड हैंड iPhone खरीदने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं वह जरूरी बातें
iPhone की हालत अच्छे से चेक करें
अगर आप जिस iPhone को खरीदने की सोच रहे हैं, वह कुछ साल पुराना है, तो संभव है कि उसमें समय के साथ पहनाव और टूट-फूट के निशान आ गए हों खासकर यदि पिछले मालिक ने उसकी सही देखभाल नहीं की हो. ऐसे में, विक्रेता से अनुरोध करें कि वह डिवाइस की सभी दिशाओं से खींची गई तस्वीरें उपलब्ध कराए, जिसमें नजदीकी (क्लोज-अप) शॉट्स भी शामिल हों.
फोन की ओरिजिनल रिसिप्ट चेक करें
iPhone खरीदने से पहले विक्रेता से अनुरोध करें कि वह मूल रसीद की डिजिटल या फिजिकल कॉपी उपलब्ध कराए. यह रसीद बेहद अहम है, क्योंकि इससे दो जरूरी जानकारियां मिलती हैं पहले मालिक की पहचान और डिवाइस की वारंटी स्थिति. रसीद प्राप्त होने के बाद यह जांचें कि उस पर दर्ज नाम या पहचान विक्रेता से मेल खाती है या नहीं, और खरीद की तारीख क्या है.
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IMEI नंबर की जांच करें
आईफोन खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डिवाइस के स्पेसिफिकेशन बिक्री रसीद से मेल खाते हैं या नहीं. इसके लिए विक्रेता से अनुरोध करें कि वह मोबाइल का IMEI (International Mobile Equipment Identity) नंबर दिखाए. यह नंबर आईफोन की Settings > General > About में जाकर देखा जा सकता है. इसके अलावा, फोन के डायलर में *#06# डायल करके भी IMEI नंबर प्राप्त किया जा सकता है.
सीरियल नंबर चेक करें
आईफोन के आईएमईआई नंबर के अलावा, ऐप्पल हर डिवाइस को एक विशेष सीरियल नंबर भी देता है, जिसका उपयोग वारंटी की पुष्टि के लिए किया जाता है. अगर आप कोई सेकेंड हैंड आईफोन खरीदने जा रहे हैं, तो विक्रेता से अनुरोध करें कि वह Settings > General > About में जाकर डिवाइस का सीरियल नंबर दिखाए.
पार्ट्स की असलियत की जांच करें
आईफोन खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि उसमें असली पार्ट्स ही लगे हों. इसके लिए विक्रेता से यह पूछें कि क्या डिवाइस में पहले कोई मरम्मत करवाई गई है, और यदि हां, तो क्या वह एप्पल के ही सर्विस सेंटर से करवाई गई थी. कोई और सर्विस सेंटर से हुई मरम्मत में नकली या घटिया पार्ट्स लगाए जाने की आशंका रहती है.
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