Google चीफ सुंदर पिचाई ने AI के लिए नियम बनाने के लिए दुनिया से जतायी आशा

दावोस : गूगल के प्रमुख सुंदर पिचाई ने बुधवार को कहा कि दुनिया को सभी लोगों के लिए एक मुक्त और स्वतंत्र इंटरनेट प्रणाली की जरूरत है. उन्हें उम्मीद है कि कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के लिए एक साझा नियमन प्रणाली बनाने के लिए सभी देश मिलकर काम करेंगे. वह यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2020 9:13 PM

दावोस : गूगल के प्रमुख सुंदर पिचाई ने बुधवार को कहा कि दुनिया को सभी लोगों के लिए एक मुक्त और स्वतंत्र इंटरनेट प्रणाली की जरूरत है. उन्हें उम्मीद है कि कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के लिए एक साझा नियमन प्रणाली बनाने के लिए सभी देश मिलकर काम करेंगे. वह यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2020 की सालाना बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि निजता कोई विलासिता की वस्तु नहीं हो सकती और इसे हर किसी के लिए सुरक्षित किया जाना चाहिए.

पिचाई ने कहा कि हमें सबके लिए एक स्वतंत्र और मुक्त इंटरनेट चाहिए. डेटा की संप्रुभता हर राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है और दुनिया के किसी भी हिस्से में डेटा की सुरक्षा व्यवस्था तय करते समय इस पर गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट वास्तव में एक निर्यात की वस्तु है. यहां तक कि भारत में भी यदि हम यूट्यूब की बात करें, तो किसी भारतीय द्वारा बनाये गये वीडियो को दुनियाभर में दर्शक मिलते हैं. यही डिजिटल अर्थव्यवस्था की खूबसूरती है.

पिचाई गूगल की मातृ कंपनी एल्फाबेट के भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को लेकर वह हमेशा बहुत आशावान रहते हैं. नयी प्रौद्योगिकी उनकी खुद की निजी जिंदगी को कैसे लाभान्वित कर रही है, उसका सबसे पहले अनुभव वही करते हैं. उन्होंने कहा कि अपने बचपन में मुझे टेलीविजन या टेलीफोन सबका इंतजार करना पड़ा था. जब भी यह चीजें मेरे घर आती, तो मैं सोचता कि तकनीक हमारे जीवन में कितना अहम किरदार निभाती है. हमने देखा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने डॉक्टरों और मौसम की भविष्यवाणी समेत कितना अहम किरदार अदा किया है.

पिचाई ने कहा कि प्रौद्योगिकी से जुड़े जोखिम पर भी उनकी स्पष्ट समझ है, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जोखिम इस पर काम नहीं कर रहा है, क्योंकि इससे अरबों लोगों की जिंदगी प्रभावित हो सकती है. क्वांटम कंप्यूटिंग के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक मील का पत्थर है, क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर वह कर सकते हैं, जो आम कंप्यूटर नहीं कर सकते.

पिचाई ने कहा कि जब वह भविष्य के बारे में सोचते हैं, तो उन्हें क्वांटम प्रौद्योगिकी अगली बड़ी चीज दिखती है. इस पर अभी बहुत काम करने की जरूरत है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े नियमन की चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जलवायु से अलग नहीं है. आप सिर्फ एक कंपनी या देश में इस पर काम करने से सुरक्षा नहीं पा सकते. इसके लिए एक वैश्विक ढांचा बनाने की जरूरत है और उन्हें उम्मीद है कि इस तरह के ढांचे के लिए सारे देश एक साथ आयेंगे.

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