ममता ने जज बदलवाया, तो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये शुभेंदु अधिकारी, कर डाली यह मांग

नंदीग्राम केस (Nandigram Election Petition Case) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) के जज जस्टिस कौशिक चंद (Justice Kaushik Chand) को केस से हटने के लिए मजबूर कर दिया, तो भाजपा (BJP) नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गये हैं. नंदीग्राम के विधायक ने नंदीग्राम से जुड़ी ममता बनर्जी की चुनावी याचिका को बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2021 2:44 PM

कोलकाता/नयी दिल्लीः ममता बनर्जी ने जस्टिस कौशिक चंद की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्हें नंदीग्राम से जुड़ी चुनावी याचिका से अलग होने के लिए मजबूर कर दिया था. ममता बनर्जी की याचिका पर अब कलकत्ता हाइकोर्ट में जस्टिस शंपा सरकार की कोर्ट में सुनवाई होगी. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं. उन्होंने इस केस को बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग कर डाली है.

नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को पराजित करने वाले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. श्री अधिकारी ने ममता बनर्जी की चुनाव याचिका को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. वकील कबीर बोस ने कहा कि भाजपा नेता ने कलकत्ता हाइकोर्ट में लंबित ममता बनर्जी की याचिका को राज्य के बाहर ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है.

शुभेंदु अधिकारी कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी थे. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गये. अभी राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को 1,956 मतों से पराजित किया था. मुख्यमंत्री की चुनाव याचिका पर अभी कलकत्ता हाइकोर्ट में जस्टिस शंपा सरकार की पीठ सुनवाई कर रही है. पीठ ने इस मामले में शुभेंदु अधिकारी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.

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इससे पहले 7 जुलाई को कलकत्ता हाइकोर्ट के जज जस्टिस कौशिक चंद ने नंदीग्राम से शुभेंदु अधिकारी के चुनाव को चुनौती देने वाली ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि जस्टिस कौशिक चंद वर्ष 2015 में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बनाये जाने से पहले तक भाजपा के सक्रिय सदस्य थे.

जस्टिस कौशिक चंद ने ममता पर लगाया था जुर्माना

तृणमूल नेता ने यह कहते हुए जस्टिस चंद से इस केस से अलग होने की अपील की थी कि एक भाजपा उम्मीदवार के चुनाव को चुनौती दी गयी है. इसलिए चुनाव याचिका पर फैसले में पूर्वाग्रह की आशंका है. न्यायमूर्ति कौशिक चंद ने कहा था कि वह कभी भी भाजपा कानूनी प्रकोष्ठ के संयोजक नहीं रहे, लेकिन पार्टी के वकील के रूप में कई मामलों में कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए थे. एक जज की निष्पक्षता पर सवाल उठाने के लिए जस्टिस कौशिक चंद ने ममता बनर्जी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके बाद उन्होंने इस केस से खुद को अलग कर लिया था.


जस्टिस शंपा सरकार की कोर्ट में 12 अगस्त को है सुनवाई

जस्टिस शंपा सरकार की कोर्ट में ममता बनर्जी की याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई होनी है. जस्टिस सरकार ने निर्वाचन आयोग को नंदीग्राम में चुनाव संबंधी सभी रिकॉर्ड व उपकरण संरक्षित रखने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने रजिस्ट्री की एक प्रति (कॉपी) भारत निर्वाचन आयोग और रिटर्निंग अफसर को देने का निर्देश दिया.

Posted By: Mithilesh Jha

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