निवेश के लिए बंगाल में टाटा का स्वागत है, सिंगूर आंदोलन के 13 साल बाद बोली तृणमूल

टाटा के साथ हमारी कभी कोई दुश्मनी नहीं थी. न ही हमने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी. वे इस देश के सबसे सम्मानित और सबसे बड़े व्यापारिक घरानों में से एक हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2021 7:26 PM

कोलकाताः सिंगूर में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के कारण टाटा को अपनी नैनो कार परियोजना पश्चिम बंगाल से गुजरात शिफ्ट करनी पड़ थी. आंदोलन की अगुवाई ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने की थी. वही तृणमूल अब निवेश के लिए टाटा का बांहें पसारकर स्वागत कर रही है. 13 साल बाद टाटा समूह राज्य में निवेश के लिए आगे आ सकता है.

राज्य के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि टाटा के साथ बड़े निवेश के लिए बातचीत चल रही है. उन्होंने रोजगार सृजन को टीएमसी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि रोजगार देने की क्षमता के आधार पर कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार चाहती है कि किसी भी प्रमुख औद्योगिक घराने द्वारा जल्द से जल्द दो बड़ी विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जायें. श्री चटर्जी ने कहा कि टाटा के साथ हमारी कभी कोई दुश्मनी नहीं थी. न ही हमने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी. वे इस देश के सबसे सम्मानित और सबसे बड़े व्यापारिक घरानों में से एक हैं. आप टाटा को (सिंगूर उपद्रव के लिए) दोष नहीं दे सकते.

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सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के उद्योग व वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि समस्या वाम मोर्चा सरकार और उसकी जबरन भूमि अधिग्रहण नीति के चलते थी. टाटा समूह का हमेशा बंगाल में आने और निवेश करने के लिए स्वागत है.

कोलकाता में एक और टाटा सेंटर

श्री चटर्जी ने कहा कि नमक से इस्पात तक बनाने वाले कारोबारी समूह ने कोलकाता में अपने कार्यालयों के लिए एक और टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखायी है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पहले ही टाटा मेटालिक्स, टीसीएस के अलावा एक टाटा सेंटर है. अगर वे विनिर्माण या अन्य क्षेत्रों में बड़े निवेश के साथ आने के इच्छुक हैं, तो कोई समस्या नहीं है. हमारे आईटी सचिव ने हाल में मुझे बताया था कि उन्होंने यहां टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखायी है.

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार टाटा से बात करने के लिए अतिरिक्त कोशिश करेगी, श्री चटर्जी ने कहा कि वह निवेश आकर्षित करने के लिए पहले ही समूह के अधिकारियों के संपर्क में हैं.

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Posted By: Mithilesh Jha

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