रथिंद्र बोस ने ममता सरकार को कटघरे में खींचा

सिलीगुड़ी. भाजपा नेता सह बंगाल प्रांत के सचिव रथिंद्र बोस ने ममता सरकार को कटघरे में खींचते हुए हुंकार भरी है कि किसी भी कीमत पर फांसीदेवा को सिंगुर बनने नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने भोलेभाले आदिवासियों से छीन ली गयी खेती की जमीन हर हाल में सरकार से लौटवाने का वादा भी किया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 26, 2017 7:29 AM
सिलीगुड़ी. भाजपा नेता सह बंगाल प्रांत के सचिव रथिंद्र बोस ने ममता सरकार को कटघरे में खींचते हुए हुंकार भरी है कि किसी भी कीमत पर फांसीदेवा को सिंगुर बनने नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने भोलेभाले आदिवासियों से छीन ली गयी खेती की जमीन हर हाल में सरकार से लौटवाने का वादा भी किया है. यह वादा शनिवार को उन्होंने सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने किया. श्री बोस ने ममता सरकार पर सिलीगुड़ी महकमे के फांसीदेवा प्रखंड के कांतिभिट्टा इलाके में किसान मंडी विकास करने के नाम पर आदिवासी जमीन ही नहीं, बल्कि खेती की जमीन का 2015 में अधिग्रहण करने का आरोप लगाया है.

उनका कहना है कि सरकार ने बिना अग्रिम नोटिस दिये और पुनर्वास की व्यवस्था किये बगैर ही 13 एकड़ जमीन 13 आदिवासी परिवारों से जबरन ले ली है. अब इन 13 परिवार के तकरीबन 50 से भी अधिक सदस्य जहां बेघर हो गये हैं, वहीं उनकी जीविका भी उनसे छीन ली गयी है. जबकि यह 13 एकड़ जमीन 1980 में 491 ए धारा के तहत तत्कालीन राज्य सरकार ने प्रति एक एकड़ जमीन 13 आदिवासी परिवारों को पट्टा के तहत सौंपी थी. जिसका अब खतियान भी हो गया है और 13 परिवार ही हमेशा जमीन का राजस्व भी सरकार के कोष में जमा कराते हैं.

श्री बोस ने बताया कि उन्होंने अपने अधिवक्ता अमित लाल चक्रवर्ती के द्वारा ममता सरकार के विरुद्ध बीते 23 मार्च को कलकत्ता हाइकोर्ट में मुकदमा दायर कराया है. मुकदमा दायर कराने से पहले श्री बोस ने दो मार्च को फांसीदेवा की इस 13 एकड़ जमीन अधिग्रहण किये जाने के मुद्दे की जांच-पड़ताल करने के लिए एक चिट्ठी भी उत्तर बंगाल विकास मंत्री रविंद्रनाथ घोष को भेजी थी. जिसका आजतक कोई जवाब नहीं आया.

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