जलपाईगुड़ी में करला नदी ने मचायी तबाही
जलपाईगुड़ी: पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश ने आखिरकार जलपाईगुड़ी शहर को अपने लपेटे में ले लिया है. करला नदी में डूबकर जहां एक व्यक्ति की मौत हो गयी है, वहीं निचले इलाके में बने घरों में पानी घुस गया है. खासकर 25 नंबर वार्ड पूरी तरह से जलमग्न है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, […]
200 परिवार बेघर हो गये हैं. जान बचाने के लिए यह सभी लोग करला पुल पर बने अस्थायी शिविर में शरण लिये हुए हैं. एक बाढ़ पीड़ित शांति महतो ने बताया है कि मंगलवार की रात को उनके घर में करला नदी का पानी प्रवेश कर गया. घर में कमर तक पानी है. यही बातें एक अन्य बाढ़ पीड़ित रामदेव शर्मा ने भी कही है. स्थानीय निवासी गोपाल शर्मा का कहना है कि हर वर्ष ही बरसात के समय करला नदी से तबाही मचती है. उसके बाद भी अब तक बाढ़ को रोकने के लिए बांध बनाने की कोशिश नहीं की गयी. इन लोगों ने नगरपालिका पर राहत नहीं देने का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 200 से अधिक परिवार बेघर हो गये हैं, लेकिन जलपाईगुड़ी नगरपालिका द्वारा पानी के दो टैंकर के अलावा कुछ भी सुविधाएं नहीं दी गयी हैं.
त्रिपाल तक की व्यवस्था नहीं की गयी है. बुधवार को बारिश थोड़ी कम हुई है, लेकिन करला नदी के जल स्तर में कोई कमी नहीं आयी है. 25 नंबर वार्ड के कांग्रेस पार्षद परिमल मालादास ने नगरपालिका पर बाढ़ पीड़ितों के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि नगरपालिका में तृणमूल का बोर्ड है. वह त्रिपाल पाने की तमाम कोशिश कर रहे हैं, उसके बाद भी नगरपालिका कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इधर, नगरपालिका अध्यक्ष मोहन बोस ने कहा है कि हर साल ही करला नदी में बाढ़ से कई वार्ड जलमग्न हो जाते हैं. सिंचाई विभाग से बात कर करला तथा तीस्ता के बीच मोहना में चैनल बनाने का काम शुरू हो गया है.
बरसात के बाद ही काम खत्म हो जाने की संभावना है. उम्मीद है कि अगले साल से बाढ़ की समस्या नहीं रहेगी. उन्होंने त्रिपाल नहीं मिलने संबंधी आरोपों को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि काउंसिलर अगर मांगेंगे तो त्रिपाल मुहैया करायी जायेगी. दूसरी तरफ जलपाईगुड़ी जिले के माल ब्लॉक के अधीन चापाडांगा, मयनागुड़ी के बासु सुवा, आदि इलाके में तीस्ता नदी का पानी घुस गया है. इन इलाकों के लोग अन्यत्र चले गये हैं. बुधवार को माल बाजार के तृणमूल विधायक बुलुचिक बराइक तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. इस बीच, सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, तीस्ता बैरेज से पानी छोड़े जाने के कारण पीला संकेत जारी किया गया है. तीस्ता के जलस्तर में वृद्धि हुई है और पानी को निकालना जरूरी है.