पथावरोध व धरना-प्रदर्शन मामले में दो भाजयुमो कार्यकर्ता गिरफ्तार

सिलीगुड़ी : पथावरोध कर धरना प्रदर्शन करना भाजपा युवा मोर्चा सिलीगुडी सांगठनिक जिला कमेटी के सदस्यों को भारी पड़ गया. शनिवार को हुई इस घटना के बाद प्रधान नगर थाना में भाजयुमो के छह कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें दो कार्यकर्ता नीलाभ घोषाल तथा मन्ना भद्र को गिरफ्तार कर रविवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2020 6:39 AM

सिलीगुड़ी : पथावरोध कर धरना प्रदर्शन करना भाजपा युवा मोर्चा सिलीगुडी सांगठनिक जिला कमेटी के सदस्यों को भारी पड़ गया. शनिवार को हुई इस घटना के बाद प्रधान नगर थाना में भाजयुमो के छह कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें दो कार्यकर्ता नीलाभ घोषाल तथा मन्ना भद्र को गिरफ्तार कर रविवार सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया. इस घटना को भाजपा नेताओं ने पुलिस की सोची समझी चाल बताया है.

उल्लेखनीय है कि शनिवार को भाजयुमो के नेता कार्यकर्ता शहर में जाम की समस्या को लेकर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के एडीसीपी ट्रैफिक डंबर सिंह सोनार को एक ज्ञापन सौंपने गये थे.
कार्यालय में एडीसीपी को ना पाकर भाजयुमो नेता-कार्यकर्ता हिलकार्ड रोड में धरने पर बैठ गये. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ. पार्टी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार देर रात भाजयुमो नेता कंचन देवनाथ, अनिकेत दास, सौरभ दास, विक्रमादित्य मंडल, मन्ना भद्र, नीलाभ घोषाल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गयी.
जिसके बाद पुलिस ने दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से दोनों को रात भर बागडोगरा थाने में रखा गया था. रविवार उन दोनों को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने उन दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया. इस मामले में सोमवार को फिर एक कोर्ट में सुनवाई होगी.
इस संबंध में भाजपा सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला महासचिव राजू साहा ने बताया कि भाजयुमो के नेता ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर ज्ञापन देने गये थे. उन्होंने बताया कि रात के वक्त पुलिस द्वारा एक षड्यंत्र रच कर फोन करके दो भाजयुमो नेताओं‍ को बुलाया गया. जिसके बाद पुलिस ने उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
इतना ही नहीं उन दोनों पर कई गैर जमानती व आपराधिक मामले भी दर्ज किये गये हैं. उन्होंने बताया कि ये तृणमूल की सोची समझी चाल है. तृणमूल उनकी कमर को तोड़ना चाहती है. लेकिन वे भी डर कर चुप बैठने वाले लोगों में से नहीं है. इस संबंध में तृणमूल के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष रंजन सरकार से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.

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