नशा विरोधी अभियान में शामिल हुईं महिलाएं

हल्दीबाड़ी चाय बागान प्रबंधन ने बानरहाट थाना पुलिस के सहयोग से मुहिम का किया आगाज बानरहाट : डुआर्स के चाय बागान बहुल इलाकों में देसी शराब के अलावा ड्रग्स के कारोबारी अपने दानवी पंजे पसार रहे हैं. इससे चाय बागान प्रबंधन के भी कान खड़े हो गये हैं. इसके प्रतिकार के लिये गुरुवार को बानरहाट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 8, 2019 2:22 AM

हल्दीबाड़ी चाय बागान प्रबंधन ने बानरहाट थाना पुलिस के सहयोग से मुहिम का किया आगाज

बानरहाट : डुआर्स के चाय बागान बहुल इलाकों में देसी शराब के अलावा ड्रग्स के कारोबारी अपने दानवी पंजे पसार रहे हैं. इससे चाय बागान प्रबंधन के भी कान खड़े हो गये हैं. इसके प्रतिकार के लिये गुरुवार को बानरहाट थानांतर्गत हल्दीबाड़ी चाय बागान में बानरहाट थाना के सहयोग से जागरुकता अभियान चलाया गया. इस अभियान में चाय बागान की महिलायें बड़ी संख्या में शामिल हुईं. इस बड़ी भागीदारी से लगता है कि नशे के कारोबार से सर्वाधिक प्रभावित महिलायें हैं जिन्हें घर चलाना पड़ता है.

शराब व नशीले टैबलेट से घर घर में अशांति लगी रहती है जिसका खमियाजा अधिकतर महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है. वहीं, बहुत से श्रमिक लीवर के रोग से पीड़ित होकर असमय ही मौत के मुंह में चले जाते हैं. गुरुवार को उक्त कार्यक्रम बागान प्रबंधन और डुआर्स ब्रांच इंडियन टी एसोसिएशन (डीबीआईटीए) की पहल पर आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में पुलिस के साथ ही आबकारी विभाग के अधिकारियों की भी मौजूदगी रही.

हल्दीबाड़ी चाय बागान के मैनेजर अमित बनर्जी ने बताया कि चाय बागान में इधर-उधर, नशीली सामग्री की बिक्री हो रही है. इसलिये कार्यक्रम में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि आज की शाम के बाद भी अगर कोई यह अवैध कारोबार करता है तो उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से उसकी होगी. ऐसे लोगों को बागान से बाहर कर दिया जायेगा. वहीं, बानरहाट थाना के आईसी विपुल साहा ने बताया कि बागान की महिलायें खासतौर पर इस मसले को लेकर परेशान हैं.

उन्होंने हमें कहा है कि आप लोग नशीली दवाओं और सामग्रियों के खिलाफ अभियान क्यों नहीं चलाते हैं. जबकि हम लो जब अभियान चलाते हैं तो स्थानीय लोग ही उसमें बाधा डालते हैं. इसलिये इस अनैतिक और अवैध कारोबार पर रोक के लिये सभी लोगों को आगे आना होगा.

वहीं, डीबीआईटीए के सहायक सचिव राणा दे ने बताया कि कमोवेश हर चाय बागान में ही स्थानीय लोग हड़िया या देसी शराब बनाकर बेचते रहे हैं. लेकिन अब बागान के आसपास ड्रग्स का भी कारोबार फलफूल रहा है. यह खतरनाक रुझान है. चाय बागान की पहल सराहनीय है. हम लोग दूसरे चाय बागानों में भी जागरुकता अभियान चलायेंगे.

स्थानीय बागान निवासी कलिना किन्डो ने बताया कि स्थानीय हड़िया के अलावा कम दाम में नशीले टैबलेट धड़ल्ले से बिक रहे हैं यह चिंतनीय है. इससे बागान के बहुत से श्रमिक लीवर व अन्य रोगों से पीड़ित हो रहे हैं. कई लोग मर भी चुके हैं. हम लोग बागान को नशामुक्त करना चाहते हैं.

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