बुनियादी सुविधाओं से छीटमहलवासी वंचित

कूचबिहार : छीटमहल इलाकों की अदला-बदली हुई है, इसके बावजूद यहां रहने वालों को न तो उन्हें नागरिकता मिली है और न ही उनकी बुनियादी जरूरतें जैसे शिक्षा और पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है. शनिवार को दिनहाटा महकमा के करला-दो छीट इलाके का परिदर्शन करने के बाद बंगाल मानवाधिकार सुरक्षा मंच के पक्ष […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 21, 2019 7:55 AM

कूचबिहार : छीटमहल इलाकों की अदला-बदली हुई है, इसके बावजूद यहां रहने वालों को न तो उन्हें नागरिकता मिली है और न ही उनकी बुनियादी जरूरतें जैसे शिक्षा और पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है. शनिवार को दिनहाटा महकमा के करला-दो छीट इलाके का परिदर्शन करने के बाद बंगाल मानवाधिकार सुरक्षा मंच के पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहीं फिल्म अभिनेत्री अपर्णा सेन और बोलान गांगुली ने रविवार को कूचबिहार के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में उक्त मंतव्य किया. उन्होंने बताया कि छीटमहल इलाके में जाने से बीएसएफ से लेकर जिला प्रशासन की ओर से उन्हें रोका गया है. बावजूद इसके उन लोगों ने बाहर से ही स्थानीय लोगों से भेंटकर उनकी हालत जाननी चाही.

उन्होंने बताया है कि उन्हें अभी तक नागरिक अधिकार नहीं मिला है जबकि वर्ष 2015 में ही भारत और बांग्लादेश के बीच छीटमहल विनिमय समझौता हो चुका है. बहुत से इलाकों में विकास की रोशनी तक नहीं पहुंची है. उन्होंने दुखी स्वर में कहा कि शनिवार को वे दोनों इलाके में गयीं थीं. लेकिन उन्हें बीएसएफ के अधिकारियों और जिला प्रशासन ने प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. जबकि उन्हें इसकी अग्रिम सूचना दी गयी थी. उन्होंने कहा कि उनका संगठन किसी राजनैतिक दल से संबद्ध नहीं है. राजनीति से उनका भरोसा ही उठ गया है.
लेकिन एक मनुष्य और देश के नागरिक को उसका बुनियादी हक तो मिलना ही चाहिये. अपर्णा सेन ने कहा कि करला छीट-2 के निवासियों का जो हाल उन्होंने थोड़ा बहुत देखा और सुना उससे लगा कि उनके यहां बुनियादी स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की सुविधा नहीं है. उनका जीवन पूरी तरह बीएसएफ की मर्जी पर निर्भर है. बिजली नहीं है.

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