कोजागरी लक्ष्मी पूजा आज, बाजार में दिखी रौनक

सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा के बाद कोजागरी लक्खी पूजा की तैयारी में शहरवासी जोर-शोर से जुटे हुए हैं. रविवार को लक्खी पूजा का त्योहार मनाया जायेगा. बंगाली समुदाय के लोग अपने घरों में माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से इसका पूजन करते हैं. इसको लेकर शहर के बाजारों में रौनक है. शहर के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2019 1:41 AM

सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा के बाद कोजागरी लक्खी पूजा की तैयारी में शहरवासी जोर-शोर से जुटे हुए हैं. रविवार को लक्खी पूजा का त्योहार मनाया जायेगा. बंगाली समुदाय के लोग अपने घरों में माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से इसका पूजन करते हैं.

इसको लेकर शहर के बाजारों में रौनक है. शहर के विधान मार्केट, महावीर स्थान, चंपासारी आदि बाजारों में मूर्ति समेत अन्य पूजन सामग्रियों की खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ देखी गयी. लक्खी पूजा के दौरान खिचड़ी का भोग लगाया जाता है.
खिचड़ी का प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली फूलगोभी, बैगन और अन्य सब्जियों की कीमतों में तेजी रही. इसके अलावा नारियल का भी भोग लगाया जाता है. नारियल की ब्रिक्री भी खूब हो रही है. इधर, कुम्हार टोली में बनने वाली मां लक्ष्मी की मूर्तियां भी बड़े पैमाने पर बिक रही है. साथ ही विधान मार्केट में ही मां की प्रतिमा बिक्री हुई. श्रद्धालु रविवार सुबह से ही शरद पूर्णिमा को पूजा अर्चना करेंगे. ज्योतिष के अनुसार पूरे साल केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है.
हिन्दू धर्म में इस दिन को जागर व्रत माना गया है. इसको कौमुदी व्रत भी कहते हैं. इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था. मान्यता है कि इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है. यह भी कहा जाता है कि कोजागरी पूणिर्मा की मध्यरात्रि में देवी महालक्ष्मी अपने कर-कमलों में वर और अभय लिए संसार में विचरती हैं और रात जाग कर उनकी पूजा में लगे हुए भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण करती है.

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