मां की मौत से अनाथ हुए दो बच्चों को मिली मदद

स्थानीय विधायक व्यवसायी व चाइल्ड प्रोटक्शन विभाग ने श्राद्ध कर्म के लिए किया सहयोग बच्चों को होम भेजने की दी सलाह बालुरघाट : बालुरघाट में मां की मौत से अनाथ हो गये दो नाबालिग भाई-बहन की मदद को आगे आये स्थानीय वाममोर्चा विधायक विश्वनाथ चौधरी. पूर्व मंत्री ने इन दोनों बेसहारा बच्चों को हमेशा साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 1:53 AM

स्थानीय विधायक व्यवसायी व चाइल्ड प्रोटक्शन विभाग ने श्राद्ध कर्म के लिए किया सहयोग

बच्चों को होम भेजने की दी सलाह
बालुरघाट : बालुरघाट में मां की मौत से अनाथ हो गये दो नाबालिग भाई-बहन की मदद को आगे आये स्थानीय वाममोर्चा विधायक विश्वनाथ चौधरी. पूर्व मंत्री ने इन दोनों बेसहारा बच्चों को हमेशा साथ देने का वादा किया है. स्थानीय व्यवसायी व चाइल्ड प्रोटक्शन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. उनलोगों ने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जरुरी कदम उठाये जाने का वादा किया है.
बालुरघाट ब्लॉक के चिंगिशपुर ग्राम पंचायत के कालिकापुर महतोपाड़ा के दो नाबालिग भाई-बहन की असहाय स्थिति की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने से प्रशासन हरकत में आयी है. बुधवार दोपहर को बालुरघाट वाममोर्चा विधायक विश्वनाथ चौधरी पीड़ितों के घर पहुंचे. उन्होंने सुनिता (9) व अजय महतो (14) के हाथों में पांच हजार रुपए प्रदान किये. साथ ही भाई-बहन को हर प्रकार से सहयोग करने का आश्वासन दिया.
विधायक के साथ ही त्रिमोहनी के एक व्यवसायी ने सुनिता दोनों भाई-बहन को मां के श्राद्ध कार्य के लिए और तीन हजार रुपए प्रदान किये. घटना का पता चलते ही चाइल्ड प्रोटक्शन विभाग के अधिकारी भी बच्चों से मिलने पहुंचे. परिस्थिति के अनुसार बच्चों के भविष्य कैसे सुरक्षित किया जाये इसका जायजा लिया गया.
पूर्व मंत्री तथा बालुरघाट के वाममोर्चा विधायक विश्वनाथ चौधरी ने कहा कि मामले का पता चलते ही वह बच्चों की मदद के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा कि इस हालत में रहे बच्चों को लिए सरकारी कॉटेज व होम है. एक एक कॉटेज में 25 बच्चों को रखा जाता है. उन्होंने सुनिता व अजय के रिस्तेदारों व स्थानीय लोगों से बातचीत की.
उनलोगों को जिलाशासक के मिलकर बच्चों को रोहना रामकृष्ण मिशन में रखने के लिए आवेदन करने को कहा गया है. इस व्यवस्था के लिए जिलाशासक स्तर से ही कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने इससे पहले भी कई बच्चों को उस मिशन में भिजवाया है. उन्होंने दोनों भाई-बहन की मदद के लिए किसी भी समय तैयार रहने का वादा किया है.

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