बांग्लादेश होकर सियालदह के रेल सफर पर लगा ब्रेक

बांग्लादेश के चिलाहाटी में रुका है रेलमार्ग का निर्माण कार्य जलपाईगुड़ी : भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री संबंधों को बढ़ावा देने और उत्तर बंगाल से कोलकाता की दूरी को कम करने के लिये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय करार हुआ है. इसके तहत बांग्लादेश के चिलाहाटी होते हुए कोलकाता तक के रेलमार्ग का निर्माण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2019 12:54 AM

बांग्लादेश के चिलाहाटी में रुका है रेलमार्ग का निर्माण कार्य

जलपाईगुड़ी : भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री संबंधों को बढ़ावा देने और उत्तर बंगाल से कोलकाता की दूरी को कम करने के लिये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय करार हुआ है.
इसके तहत बांग्लादेश के चिलाहाटी होते हुए कोलकाता तक के रेलमार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में भाजपा की केंद्र सरकार के कार्यकाल में पूरे उत्साह के साथ शुरु हुआ था. करार के अनुरुप भारतीय रेल ने हल्दीबाड़ी तक रेलमार्ग का निर्माण किया भी. लेकिन बांगलादेश की तरफ चिलाहाटी में रेल निर्माण का काम बंद पड़ा है.
इससे इस परियोजना पर ग्रहण लग गया है. जलपाईगुड़ी से सांसद डॉ. जयंत राय ने शनिवार को बताया कि वे इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि यह रेलमार्ग चालू होने से दोनों देशों के बीच संबंध और घनिष्ठ होने के साथ ही जलपाईगुड़ी का महत्व और बढ़ जायेगा. इसके अलावा उत्तर बंगाल से कोलकाता की दूरी काफी हद तक कम हो जायेगी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1876 में ईस्टर्न बेंगॉल रेलवे ने चिलाहाटी होते हुए रेलमार्ग को चालू किया था. लेकिन 1965 के बाद से यह रेलमार्ग भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध के चलते संभवतया बंद हो गया. उस समय सिलीगुड़ी जंक्शन से दार्जिलिंग मेल जलपाईगुड़ी टाउन स्टेशन होते हुए हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश के नेलफामारी जिले के सीमावर्ती रेलवे स्टेशन चिलाहाटी होते हुए डोमर, टोड़नबाड़ी, सईदपुर, दर्शना, पार्वतीपुर और बेनापोल सीमा से होकर सियालदह स्टेशन पहुंचती थी. फिलहाल हल्दीबाड़ी, जलपाईगुड़ी और न्यूजलपाइगुड़ी होकर सियालदह जाने में करीब 500 किमी का सफर 10-11 घंटे में पूरी करती है. जबकि बांग्लादेश होकर यात्रा कर छह से सात घंटे में सियालदह पहुंच सकेंगे.
रेलवे विभाग के सूत्र के अनुसार हल्दीबाड़ी की सीमा तक करीब ढाई किमी तक रेलमार्ग का निर्माण हो गया है. जबकि बांग्लादेश की तरफ रेलमार्ग का निर्माण बंद है. स्वाभाविक तौर पर यह परियोजना 2020 तक चालू हो सकेगी कि नहीं इसमें अब संशय बना हुआ है.

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