आवेदन फाॅर्म में धर्म के कॉलम में ह्यूमनिटीज रखने का मामला, कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपल नहीं रखते इससे इत्तेफाक

कोलकाता : देश के सबसे प्राचीन कॉलेज बैथुन द्वारा ऑनलाइन एडमिशन फार्म में धर्म के कॉलम में ‘ह्यूमनिटीज’ का विकल्प रखने के बाद महानगर के कुछ अन्य कॉलेजों ने भी इसी का अनुसरण शुरू कर दिया. ऑनलाइन फार्म में रिलीजन के कॉलम में -सबसे ऊपर, ‘ह्यूमनिटीज’ इसके बाद हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, गुजराती आदि लिखा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2019 1:39 AM

कोलकाता : देश के सबसे प्राचीन कॉलेज बैथुन द्वारा ऑनलाइन एडमिशन फार्म में धर्म के कॉलम में ‘ह्यूमनिटीज’ का विकल्प रखने के बाद महानगर के कुछ अन्य कॉलेजों ने भी इसी का अनुसरण शुरू कर दिया. ऑनलाइन फार्म में रिलीजन के कॉलम में -सबसे ऊपर, ‘ह्यूमनिटीज’ इसके बाद हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, गुजराती आदि लिखा हुआ है. कुछ कॉलेजों की इस पहल से कुछ कॉलेज के प्रिंसिपल सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि जो छात्र जिस धर्म का है, उसे उसी पर ‘ टिक मार्क ’ करना चाहिए. ‘ह्यूमनिटीज’ कोई धर्म नहीं है बल्कि एक कॉन्सेप्ट है.

यह कॉन्सेप्ट अच्छा है, अगर कोई छात्र अपनी पहचान छिपाना चाहता है तो यह कॉलम या यह अवधारणा ठीक है लेकिन इससे कॉलेज प्रशासन को सही तथ्य व डेटा संग्रह करने में आगे जाकर कठिनाई हो सकती है. अगर कॉलेजों में अल्पसंख्यक या एससी एसटी छात्रों के लिए कोई योजना लागू करनी हो तो पूरे तथ्य नहीं मिल सकते हैं. इस योजना को सही ढंग से लागू नहीं किया जा सकता है.
इस विषय में ऑल बंगाल प्रिसिंपल काउंसिल के उपाध्यक्ष व विवेकानंद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. तपन पोद्दार का कहना है कि एडमिशन फार्म में जो कॉलम पहले से ही चले आ रहे हैं, वे ठीक हैं. नये सिरे से रिलीजन के आगे ‘ह्यूमनिटीज’ का विकल्प शुरू करने से कॉलेजों को आगे जाकर परेशानी हो सकती है. जब अल्पसंख्यक छात्रों का हिसाब या प्रतिशत पूछा जायेगा तो समझ में ही नही आयेगा कि कुल कितने अल्पसंख्यक छात्र या छात्राएं कॉलेज में हैं.
माइनोरिटी के लिए कुछ अलग से भी योजनाएं हैं, उनको कॉलेज लागू नहीं कर पायेंगे. वैसे यह कॉलेज प्रबंधन पर निर्भर करता है, उनका अपना तर्क है. वे एक तरह से मानवता धर्म को बढ़ावा भी दे रहे हैं, यह अच्छी कोशिश है लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. अभी माैलाना आजाद कॉलेज, राममोहन कॉलेज, वीमेंस कॉलेज, कलकत्ता में भी फार्म में ‘ ह्यूमनिटीज’ शुरू किया गया है.
वहीं हावड़ा के महाराजा शिरीषचंद्रा कॉलेज, मिदनापुर कॉलेज भी धर्म वाले कॉलम में ह्यूमनिटीज रखे हैं. लगभग 189 साल पुराने स्कॉटिश चर्च कॉलेज ने आवेदन फार्म में धर्म वाले कॉलम में ‘सेक्युलर’ व अज्ञेयवाद का विकल्प दिया है. शिक्षा अधिकारियों ने इसको अनिवार्य नहीं किया है लेकिन फिर भी कुछ कॉलेजों ने यह विकल्प रखा है. कुछ शिक्षाविद इसको सही मान रहे हैं तो कुछ इससे सहमत नहीं हैं.

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