नाबालिग की हत्या के आरोप में जिगरी दोस्त गिरफ्तार

हरिश्चंद्रपुर थाना पुलिस ने आरोपी को उसके घर से पकड़ा मोबाइल फोन का सूत्र पकड़कर पुलिस आरोपी तक पहुंची मालदा : हरिश्चंद्रपुर की नौवीं कक्षा के छात्र सूरज कर्मकार (15) की हत्या की शिकायत दर्ज होने के एक सप्ताह के भीतर ही पुलिस ने हत्यारोपी और सूरज के जिगरी दोस्त अनुप मंडल को उसके घर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 14, 2019 12:58 AM

हरिश्चंद्रपुर थाना पुलिस ने आरोपी को उसके घर से पकड़ा

मोबाइल फोन का सूत्र पकड़कर पुलिस आरोपी तक पहुंची
मालदा : हरिश्चंद्रपुर की नौवीं कक्षा के छात्र सूरज कर्मकार (15) की हत्या की शिकायत दर्ज होने के एक सप्ताह के भीतर ही पुलिस ने हत्यारोपी और सूरज के जिगरी दोस्त अनुप मंडल को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी से पुलिस और मृत छात्र के परिवारवाले अवाक हैं.
हरिश्चंद्रपुर थाना पुलिस ने बताया कि मोबाइल फोन के सहारे अनूप मंडल को उसके घर से गिरफ्तार किया गया है. मंगलवार को उसे चांचल महकमा अदालत में पेश किया जायेगा. लेकिन चूंकि आरोपी नाबालिग है इसलिए उसे होम भेजा जायेगा.
जानकारी के अनुसार, सूरज कर्मकार और अनुप मंडल दोनों ही हरिश्चंद्रपुर के मनोहरपुर गांव के निवासी थे. वे दोनों अलग अलग स्कूल में पढ़ते थे. दोनों में गाढ़ी दोस्ती थी. लेकिन सूरज कर्मकार अक्सर अपने दोस्त पर हर मामले में हावी रहता था जो अनूप को नागवार गुजरता था. इसलिए उसने ठंडे दिमाग से उसका कत्ल करने की योजना तैयार की. दरअसल, एक मई से ही सूरज कर्मकार मनोहरपुर गांव से लापता था. उसके बाद तीन मई को उसके घर से दो किमी की दूरी पर एक मक्के के खेत से सूरज का खून से लथपथ शरीर मिला. पुलिस का कहना है कि अनूप ने सुनियोजित तरीके से सूरज की हत्या की थी. इसके लिये वह शीतल पेय पिलाने का बहाना बनाकर उसे मक्का के खेत में ले गया. उसे पेय देने के बाद उसने बांस से उस पर कई वार किये जिसके बाद मौके पर ही सूरज कर्मकार की मौत हो गयी.
हरिश्चंद्रपुर थाना के आईसी संजय कुमार दास ने बताया कि अनूप ने घटना के बाद अपना फोन किसी को बेच दिया था. जब अगले व्यक्ति ने मोबाइल फोन का उपयोग शुरू किया तो वह पुलिस के रडार में आ गया और पुलिस उस तक पहुंच गयी. उसी से अनुप मंडल का नाम सामने आया. पुलिस की पूछताछ में अनूप ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. सूरज कर्मकार के पिता सुव्रत कर्मकार ने बताया कि दोनों दोस्तों में कोई विवाद नहीं था. जिसे वह इतना भरोसा करते थे उसी ने उनके बेटे की जान ले ली. यह सोच कर उनका कलेजा कांप उठता है.

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