सिलीगुड़ी : आदमखोर तेंदुए को मारने की मिली इजाजत

कोलकाता/ सिलीगुड़ी : राज्य के वन विभाग ने एक आदमखोर तेंदुए को मारने का आदेश दे दिया है. पश्चिम बंगाल में पहली बार किसी तेंदुए के आदमखोर होने का मामला सामने आया है और उसे मारने की इजाजत दी गयी है. बता दें कि बीते डेढ़ महीने में इस तेंदुए के हमलों में उत्तर बंगाल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 31, 2019 1:21 AM

कोलकाता/ सिलीगुड़ी : राज्य के वन विभाग ने एक आदमखोर तेंदुए को मारने का आदेश दे दिया है. पश्चिम बंगाल में पहली बार किसी तेंदुए के आदमखोर होने का मामला सामने आया है और उसे मारने की इजाजत दी गयी है. बता दें कि बीते डेढ़ महीने में इस तेंदुए के हमलों में उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जल्दापाड़ा नेशनल पार्क से लगे बीरपाड़ा-मदारीहाट ब्लॉक के चाय बागानों में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा तेंदुए ने दो बच्चों समेत तीन लोगों को घायल भी किया है.

तेंदुए के हमले से तुलसीपाड़ा, धुम्चीपाड़ा, रामझोड़ा, गरगंडा जैसे कई चाय बागानों में काफी दहशत है. लोग सूरज डूबने के बाद घरों से बाहर नहीं निकलते हैं. इसके अलावा जब लोगों को घर से निकलना होता है तो वे समूह में निकलते हैं. स्कूल के रास्ते में आते-जाते समय वन रक्षक बच्चों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. पिछले हफ्ते से 40 स्वयंसेवकों का एक समूह आदमखोर तेंदुए को ढूंढ़ रहा है.
इसके अलावा दो मोबाइल टीमें चाय बागानों में वाहनों से गश्त कर रही हैं. तीन टीमें जंगली जानवरों को बेहोश करने की बंदूकों के साथ पांच चाय बागानों में तैनात हैं. लेकिन अब तक तेंदुए को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है.
गत शनिवार को उत्तर बंगाल के वाइल्डलाइफ के मुख्य वन संरक्षक उज्ज्वल घोष ने प्रधान मुख्य संरक्षक रविकांत सिन्हा को आवेदन भेजकर आदमखोर तेंदुए को मारने की अनुमति मांगी थी.
रविकांत सिन्हा ने अनुमति देते हुए कहा कि वन रक्षक जरूरत पड़ने पर तेंदुए को मार सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘स्थिति का आकलन करने के बाद सामने आया कि हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. बावजूद इसके वन रक्षक पहले तेंदुए को जिंदा पकड़ने का ही प्रयास करेंगे. लेकिन अगर इसमें फेल हो गये तो तेंदुए को जान से मारने की अनुमति होगी.’
13 अक्तूबर, 2018 से शुरू हुआ तेंदुए का तांडव
गत 13 अक्तूबर को धुम्चीपाड़ा चाय बागान में चार साल की आकृति छेत्री हमले में गंभीर हुई थी. उसके बाद इसी चाय बागान में गत 12 दिसंबर को पांच साल के बच्चे इडेन नायक को तेंदुए ने मार दिया. 17 दिसंबर को इसी बागान के बुजुर्ग बुधुराम माझी तेंदुए के हमले में घायल हो गये. 23 दिसंबर को रामझोड़ा चाय बागान में तेंदुए के हमले में 12 साल के अनिकेत उरांव की मौत हो गयी.
15 जनवरी को तेंदुआ गरगंडा चाय बागान की तीन साल की प्रणिता उरांव को घसीटकर जंगल ले गया था. करीब 14 घंटे बाद उसका क्षत-विक्षत शव जंगल में मिला था. गत 25 जनवरी को तुलसीपाड़ा चाय बागान में एक बार फिर तेंदुए ने हमला कर 15 वर्षीय छात्र आकाश उरांव को गंभीर रूप से घायल कर दिया. उसे सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर करना पाड़ा.

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