कोलकाता : सीएम, पीएम के दफ्तर के सामने भीख मांगेंगे जूट मिल के मजदूर

पीएफ और ग्रेच्युटी समेत अन्य मांगों को लेकर उठाया कदम श्रमिक विकास संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी कोलकाता : 18 जनवरी से एक फरवरी तक बारानगर जूट मिल के मजदूर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री के घर और पीएफ कमिश्नर के दफ्तर के बाहर भीख मांगते हुए दयनीय दशा के बारे में सबका ध्यान आकर्षित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 10, 2019 9:23 AM
पीएफ और ग्रेच्युटी समेत अन्य मांगों को लेकर उठाया कदम
श्रमिक विकास संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी
कोलकाता : 18 जनवरी से एक फरवरी तक बारानगर जूट मिल के मजदूर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री के घर और पीएफ कमिश्नर के दफ्तर के बाहर भीख मांगते हुए दयनीय दशा के बारे में सबका ध्यान आकर्षित करेंगे.
दरअसल, बारानगर जूट मिल के मजदूरों का बकाया पीएफ और ग्रेच्यूटी समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग पर श्रमिक विकास संगठन लगातार आंदोलन कर रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को कोलकाता प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया.
संवाददाता सम्मेलन को बीके सिंह, विश्वजीत कर्मकार, सुशील कुमार जयसवाल, राजकुमार गुप्ता, गुलशन और आप की युवा शाखा के अध्यक्ष प्रसेनजीत दे ने संबोधित किया.
वक्ताओं ने कहा कि बारानगर जूट मिल में नियम कानून की धज्जियां उड़ाकर मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है. अवैध रूप से ट्रस्ट के नाम पर पेंशन और बकाया देने का खेल खेला जाता है. इसमें सभी पार्टी की मजदूर यूनियनों के नेता मजदूरों के हक का पैसा मार कर खा जाते हैं. इस कारण मिल में तकरीबन 500 करोड़ रुपये के पीएफ घोटाला हुआ है.
सिर्फ इतना ही नहीं अवकाश लेने वाले मजदूरों का जो प्राप्य होता है उसको एक चेक में भुगतान नहीं किया जाता बल्कि उसको कई किश्तों में किया जाता है. इसके लिए मजदूरों को अलग-अलग चेक दिया जाता है. एक चेक के पास होने के बाद दूसरा चेक पास होने के लिए वर्षों गुजर जाता है. लिहाजा एसवीएस ने मांग की है कि अवकाश लेने वाले मजदूरों का सभी भुगतान एक चेक के मार्फत किया जाये. सिर्फ इतना ही नहीं जो गरीब मजदूर अवकाश लेकर अपने गांव चले जाते हैं, उनको चेक के भुगतान के लिए कोलकाता आना पड़ता है. उनके लिए जबरन 120 रुपये मजदूरी पर दिहाड़ी काम करवाया जाता है. प्रसेनजीत दे ने बताया कि फिलहाल मिल में 1200 मजदूर काम कर रहे हैं. पहले यह संख्या तकरीबन चार हजार हुआ करती थी, लेकिन साल 2004 में जबसे गोविंद सारणा ने मिल की जिम्मेवारी संभाली है.
मिल के मजदूरों की हालत काफी दयनीय हो गयी है. उन्होंने कहा कि 17 जनवरी तक मिल प्रबंधन मजदूरों के बकाये का भुगतान नहीं करता है तो वे लोग बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. इसके लिए 10 जनवरी को मिल गेट के सामने मीटिंग की जायेगी और 11 जनवरी को राज्य के श्रम मंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा. इसके बाद एक फरवरी को मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा.

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