नागराकाटा : हाथियों के हमले से निपटने के लिए अपनायी घरेलू तकनीक

नागराकाटा : हाथियों के बढ़ते हमले रोकने लिए नागराकाटा पानीझाड़ा वनबस्ती निवासियों ने हाथियों को भगाने के लिए घरेलू तकनीक अपनाना शुरु कर दिया है. यह तकनीक बहुत ही साधारण है. गांव के चारो ओर तार लगाकर उसके ऊपर प्लास्टिक का एक बर्तन लटकाया गया है. जब तार हिलता है तो उस समय प्लास्टिक के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 14, 2018 1:34 AM
नागराकाटा : हाथियों के बढ़ते हमले रोकने लिए नागराकाटा पानीझाड़ा वनबस्ती निवासियों ने हाथियों को भगाने के लिए घरेलू तकनीक अपनाना शुरु कर दिया है. यह तकनीक बहुत ही साधारण है. गांव के चारो ओर तार लगाकर उसके ऊपर प्लास्टिक का एक बर्तन लटकाया गया है. जब तार हिलता है तो उस समय प्लास्टिक के बर्तन से निकलेवाले आवाज से हाथी भागने की बात ग्रामवासियों ने कही.
स्थानीय कृषक गगन मगर ने बताया कि इस तकनीक से वनबस्ती में निवास करने वाले कृषकों को राहत मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि हाथी के आक्रमण से बचने के लिए अपनाया गया सभी तकनीक फेल हो चुका है. वन विभाग हाथी के आक्रमण से बचाने के लिए गांव के चारों ओर विद्युत का तार लगाया गया था. लेकिन यह भी फेल हो गया. हम गोरुमारा रेंज अंतर्गत अवस्थित पानीझोड़ा वनबस्ती में निवास करते हैं. यहां प्रतिदिन हाथियों का आतंक रहता है.
शाम होते ही जंगली हाथियों का तांडव इलाके में शुरु हो जाता है. कोई कारगर उपाय नहीं होने के कारण हमलोगों ने खुद ही प्लास्टिक का खाली बर्तन को तार में झुलाकर उससे आवाज निकलेवाला यंत्र तैयार किया है. तार के एक छोर को घर तक लाया गया है. जब हाथी जंगल से निकलकर गांव में प्रवेश करने का प्रयास करता है तो उस समय तार में हाथी का स्मर्श होते ही आवाज निकले की बात गगन ने बताया.
वन विभाग से अपनाया गया सभी तकनीक फेल होने के कारण हमलोगों ने खुद ही घरेलू यंत्र तैयार किया है. हाथी के भय से इस वर्ष भी धान को आधपका में ही काटना पड़ा. किसान शम्भू मंगर ने बताया कि सिर्फ जंगली हाथी ही नहीं बल्कि जंगली सुअर भी धान की खेती में काफी उत्पात करते हैं.
लेकिन जिस तरह हम साल भर पूरी मेहनत कर फसल लगाते हैं, हाथी द्वारा नष्ट होने पर सरकार की ओर से पूरा क्षतिपूर्ति नहीं मिलने की बात स्थानीय गांववाले बताते हैं.

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