सिलीगुड़ी : पांच साल में नहीं बनी पक्की सड़क, काम के नाम पर पुल के तीन पिलर आते हैं नजर

सिलीगुड़ी : डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क और पुल का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए समय तीन महीने निर्धारित था, लेकिन पांच वर्ष गुजरने के बाद भी काम के नाम पर सिर्फ तीन पिलर दिख रहे हैं. एक तरफ इलाकाई लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ना पर रहा है, तो दूसरी तरफ कार्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 14, 2018 1:33 AM
सिलीगुड़ी : डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क और पुल का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए समय तीन महीने निर्धारित था, लेकिन पांच वर्ष गुजरने के बाद भी काम के नाम पर सिर्फ तीन पिलर दिख रहे हैं. एक तरफ इलाकाई लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ना पर रहा है, तो दूसरी तरफ कार्य के लिए आर्थिक आवंटन में भी घोटाले का आरोप जोर पकड़ रहा है.
यह हाल है सिलीगुड़ी महकमा परिषद के अधीन नक्सलबाड़ी ब्लॉक की हाथीघीसा ग्राम पंचायत के अंतर्गत जमीदारगुड़ी से जंगलबस्ती को जोड़नेवाली सड़क का.
जानकारी के अनुसार, ब्रिज सहित डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क के लिए उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2014 में 90 लाख 22 हजार रुपये आवंटित किया था. कार्य पूरा करने के लिए तीन महीने का समय निर्धारित किया गया था. स्थानीय लोगों का आरोप है कि घोषणा के मुताबिक ब्रिज सहित पक्की सड़क का काम शुरू तो हुआ था, लेकिन ब्रिज के तीन पिलर के बाद आगे का काम आज तक नहीं हुआ.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जमीदारगुड़ी से जंगलबस्ती को जानेवाली इस सड़क के बीच बामनझोड़ा नदी है. सड़क के साथ इसी नदी पर ब्रिज भी बनाया जाना था. ब्रिज के नाम पर सिर्फ तीन पिलर खड़े हुए हैं. किस कारण से यह काम अधर में लटका पड़ा है, किसी को ज्ञात नहीं है.
जमीदारगुड़ी, केटुकापुर, वीरसिंह जोत, विजयसिंह जोत व जंगलबस्ती इलाके के लोगों का यह मुख्य रास्ता है. इलाके में स्थित छह आंगनबाड़ी, एक शिशु शिक्षा केंद्र, एक प्राथमिक विद्यालय व दो हाई स्कूल के लिए भी यही मुख्य मार्ग है. इलाके के लोग, महिलाएं व छात्र-छात्राएं इसी रास्ते से होकर आवाजाही करते हैं.
सूखे के दिन में बामनझोड़ा नदी में पानी कम रहता है या नहीं रहता है. इस दौरान नदी से ही लोग आवाजाही करते हैं. लेकिन वर्षा के दिनों में नदी में आवाजाही बंद हो जाती है. बच्चों का स्कूल आना-जाना मुश्किल हो जाता है. केलाबाड़ी, जाबड़ा गांव से होकर एक वैकल्पिक रास्ता है, लेकिन इसके लिए लोगों को करीब पांच किलोमीटर का फालतू चक्कर काटना पड़ता है.
स्थानीय निवासी गाठी बर्मन, शिवराज सिंह, सुजन राय व अन्य ने बताया कि काम रुकने का कोई कारण समझ में नहीं आ रहा है. हाथीघीसा ग्राम पंचायत के माकपा प्रधान ज्येष्ठ मोहन राय ने इस परियोजना में आर्थिक घोटाले का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि तीन महीने में कार्य पूरा करने की बात थी. लेकिन उन तीन महीनों में केवल ब्रिज के तीन पीलर तैयार हुए. निर्माण कार्य लटके होने का कारण जानने के लिए उन्होंने उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखी, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला.
सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने भी आर्थिक घोटाले की ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि इस निर्माण कार्य में कुछ गोलमाल अवश्य है. कारण जानने के लिए उन्होंने भी उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उन्हें भी कोई जवाब मिला. उन्होंने मामले की जांच की मांग की है.
उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने कहा कि वर्ष 2014 में वह म‍ंत्री नहीं थे, इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं हैं. वे विभागीय इंजीनियर से बातचीत कर मामले की जानकारी लेंगे.

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