14 दिसंबर को दार्जिलिंग से रथयात्रा निकालेगी भाजपा

दार्जिलिंग : बंगाल में गणतंत्र नहीं रहने के कारण ही दार्जिलिंग के भाजपा सांसद सुरेन्द्र सिंह अहलुवालिया अपने समष्टि दार्जिलिंग पहाड़ का भ्रमण नहीं कर पा रहे हैं. उक्त आरोप भारतीय जनता पार्टी के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष मनोज देवान ने रविवार को लगाया. भाजपा केन्द्रीय समिति ने देश के प्रत्येक क्षेत्रों में रथ यात्रा निकालने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2018 3:12 AM
दार्जिलिंग : बंगाल में गणतंत्र नहीं रहने के कारण ही दार्जिलिंग के भाजपा सांसद सुरेन्द्र सिंह अहलुवालिया अपने समष्टि दार्जिलिंग पहाड़ का भ्रमण नहीं कर पा रहे हैं. उक्त आरोप भारतीय जनता पार्टी के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष मनोज देवान ने रविवार को लगाया. भाजपा केन्द्रीय समिति ने देश के प्रत्येक क्षेत्रों में रथ यात्रा निकालने का निर्णय लिया है. पार्टी केन्द्रीय समिति की उक्त घोषणा का पालन करने के लिये भाजपा दार्जिलिंग जिला समिति ने आगामी 14 दिसम्बर को दार्जिलिंग के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चौरास्ता से रथ यात्रा निकालने की योजना बनायी है.
श्री देवान ने कहा कि उक्त रथ यात्रा राष्ट्रीय मार्ग 55 होते हुये सिलीगुड़ी पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि आज के दिन भी दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के 70 प्रतिशत जनता भाजपा के साथ है. इसलिए आगामी 2019 में सम्पन्न होने जा रहे लोकसभा चुनाव में देश के अन्य लोकसभा समष्टी कि तरह दार्जिलिंग लोकसभा समष्टि से भी भाजपा की जीत निश्चित है. रथ यात्रा के संदर्भ में श्री देवान ने कहा कि हम लोग कानून का सम्मान करते हैं. इसलिये हमलोग रथ यात्रा निकालने के लिये दार्जिलिंग जिला प्रशासन से अनुमति लेंगे और पर्यटन स्थल चौरास्ता से रथ निकालेंगे.
हम लोगों को उम्मीद है कि रथ यात्रा में दार्जिलिंग की जनता साथ देगी. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद सुरेन्द्र सिंह अहलुवालिया के संदर्भ में उन्होंने कहा कि श्री अहलुवालिया दार्जिलिंग के सांसद होने के साथ-साथ वह केन्द्रीय राज्य मंत्री भी हैं. उन पर काफी जिम्मेदारी है, फिर भी उन्होंने संसद के प्रत्येक अधिवेशन में दार्जिलिंग की समस्याओं को रखते आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि श्री अहलुवालिया दार्जिलिंग आना चाहते हैं, लेकिन बंगाल में गणतन्त्र नहीं होने के कारण जब-जब वे पहाड़ चढ़ने की कोशिश करते हैं, तब-तब बंगाल सरकार उनके उपर तरह-तरह के आरोप लगाने के लिए तैयार रहती है और उनके पहाड़ आगमण पर बाधा देने का काम करती हैं.

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