तेजीपाड़ा महाप्रभु चाय बागान में तेंदुए का आतंक, तेंदुआ व दो शावकों के होने की आशंका

जलपाईगुड़ी : बड़े चाय बागानों के बाद अब छोटे चाय बागानों में तेंदुए का उत्पात शुरू हो गया है. मंगलवार सुबह जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक के मंथनी इलाके के तेजीपाड़ा महाप्रभु चाय बागान में तेंदुए के पंजे का निशान देखकर श्रमिकों में आतंक छा गया. इससे चाय बागान में पत्ती तोड़ने का काम नहीं हो सका. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 19, 2018 1:21 AM
जलपाईगुड़ी : बड़े चाय बागानों के बाद अब छोटे चाय बागानों में तेंदुए का उत्पात शुरू हो गया है. मंगलवार सुबह जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक के मंथनी इलाके के तेजीपाड़ा महाप्रभु चाय बागान में तेंदुए के पंजे का निशान देखकर श्रमिकों में आतंक छा गया. इससे चाय बागान में पत्ती तोड़ने का काम नहीं हो सका. जलपाईगुड़ी जिला खुदरा चासी समिति ने वन विभाग श्रमिकों में तेंदुए को लेकर जागरुकता शिविर आयोजित करने की मांग की है.
जलपाईगुड़ी शहर से 15 किलोमीटर दूर स्थित बेलाकोबा के मंथनी सेतु के समीप तेजीपाड़ा महाप्रभु खुदरा चाय बागान है. सुबह वहां चाय की पत्ती तोड़ते समय श्रमिकों ने चारों ओर तेंदुए के पंजे के निशान देखे. इससे सभी आतंकित होकर चिल्लाते हुए पत्तियां वहीं गिराकर भाग गये. बागान मालिक अशोक कुमार दास ने बताया कि यह पत्ती तोड़ने का मौसम है.
इस तरह से तेंदुए का आंतक रहने पर दुर्गा पूजा से पहले आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. ‍उनलोगों ने बैकुंठपुर वन विभाग में इसकी खबर दी. वनकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे. वन कर्मियों ने बताया कि पास के भांडिगुड़ी चाय बागान में पहले से रखे पिंजरे को लाकर शाम तक महाप्रभु चाय बागान में लगाया जायेगा. वन विभाग ने बागान प्रबंधन को दो बकड़ा खरीदकर लाने को कहा है. ताकि तेंदुए के लिए उन्हें पिंजरे में डाला जा सके.
बैकुंठपुर वन विभाग के बेलाकोबा रेंजर संजय दत्त ने बताया कि मंगलवार को चाय बागान का मुआयना किया गया है. अनुमान है कि बागान में एक मादा तेंदुए संभवत: अपने दो शावकों के साथ है. पंजे का निशान देखकर ऐसा ही लग रहा है. शाम को पिंजरा लगाया जायेगा.

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